रामसेतू 18 लाख वर्ष पूर्व "tectonic plates" के घर्शन द्वारा उत्पन्न हुआ, जो समुद्र तल तक गड़ा हुआ है | जबकि मानव जाति के जन्मे हुए अभी 1 लाख वर्ष भी
नहीं हुए, करोङो वर्षो पूर्व के डायनासौर्स (Dianasaurs) के अवशेष भी मिल गये मगर वानर सेना का कोई अता पता नहीं | इस प्रकार के सेतू जापान-कोरिया के बीच में भी हैं, और इससे कई गुना बड़ा सेतु
तुर्की द्वीप मे भी है।
राम सेतु (Adams bridge) इसे अधिक पुराना होने के कारन आदम पुल भी कहाँ जाता है । राम सेतु (Adams bridge) पर नासा ने रिसर्च कर बताया कि यह पुल
प्रकृति निर्मित है, मानव निर्मित नहीं। यह समुद्र में पाये जाने वाले मूँगा (CORAL) में पाये जाने वाले केल्शियम कार्बोनेट के छोड़े जाने से निर्मित श्रंखला है । जिसकी लंबाई 30Km. है । नासा ने इसके सैम्पल लेकर रेडियो कार्बन परिक्षण से बताया कि
यह सेतु 17.5 लाख वर्ष पुराना है । मूंगा (Coral) समुद्र के कम गहरे पानी में जमा होकर श्रंखला बनाते है । विश्व में मूँगा से निर्मित ऐसी 10 श्रृंखलाएँ है इनमे से सबसे
बड़ी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर है । इसकी लंबाई रामसेतु से भी कई गुणा अधिक 2500 Km है । विश्व की इन सभी देशों की मूँगा श्रंखलाओं को सेटेलाईट के द्वारा देखा जा चूका है । नासा के रिसर्च अनुसार
रामसेतु जब 17.5 लाख वर्ष पुराना है, तो इसे राम निर्मित कैसे कहाँ जा सकता है । जबकि मानव ने खेती करना/कपडे पहनना 8000 हजार वर्ष ईसा पूर्व सीखा है । मानव ने लोहा (Iron) की खोज 1500 ईसा पूर्व की है । मानव ने लिखना 1300 ईसा पूर्व
सीखा है । फिर # राम नाम लिखकर दुनियाँ के पहले पशु सीविल इंजनियर भालू नल-निल ने इसे कैसे बनाया होगा।
---- ये सब सोचते वाली तार्किक विज्ञानवादी बुध्दि की बातें हैं....?
👉 जय मूलनिवासी ✍️✍️✍️...!!!