जियोर्दानो ब्रूनो (Giordano Bruno) (1548 – 17 फ़रवरी 1600) इटली का दार्शनिक, गणितज्ञ एवं खगोलवेत्ता था जिसे कैथोलिक चर्च ने अफवाह फैलाने का आरोप लगाकर जिन्दा जला दिया था। महान खगोलशास्त्री जियोर्दानो ब्रूनो की धारणा थी कि - 'इस ब्रह्मांड में अनगिनत ब्रह्मांड हैं। ब्रह्मांड अनंत और अथाह है।'
ब्रूनो का मत था कि - 'धरती ही नहीं, सूर्य भी अपने अक्ष पर घूमता है।'
जियोर्दानो ब्रूनो बड़े निर्भीक और क्रांतिकारी विचार वाले थे। इसलिए चर्च के पादरियों का विरोध भी उन्हें डरा ना सका। ब्रूनो जीवन भर चर्च की कठोर यातनाएँ सहते रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल के लगभग 8 वर्ष जेल में बिताए मगर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारे। उन्हें हारता ना देखकर 17 फरवरी, सन् 1600 ई. को धर्म के ठेकेदारों ( तत्कालीन पोप और चर्च के पादरियों ) ने खुलेआम रोम में भरे चौराहे पर ब्रूनो को खंभे से बांध कर मिट्टी का तेल उन पर छिड़क कर जला डाला।
ब्रूनो ने हँसते हुए आग में जलना स्वीकार किया। लेकिन वे अपने तथ्यों और निष्कर्षों पर अडिग रहे। उनके चेहरे पर डर या पश्चाताप का कोई अहसास नहीं था। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि एक ना एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब पूरी दुनिया उनकी खोज को सत्य मानेगी। आखिरकार सत्य की जीत हुई और विश्व ने उनके सिद्धांतों को स्वीकार कर ही लिया।
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