मोहन भागवत के 'घर वापसी' बयान पर विवाद

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मोहन भागवत के 'घर वापसी' बयान पर विवाद

मोहन भागवत के 'घर वापसी' बयान पर विवाद

आरएसएस प्रमुख और सीबीसीआई के बीच विवाद

नई दिल्ली/nayak1news: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने इंदौर में दिए अपने बयान में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ हुई कथित बातचीत का जिक्र किया। इस बयान ने भारतीय राजनीति और धार्मिक संगठनों में तीखी बहस छेड़ दी है।

भागवत का बयान और प्रतिक्रिया

मोहन भागवत ने कहा कि “जब संसद में 'घर वापसी' का मुद्दा गरमाया था, तो प्रणब मुखर्जी ने मुझसे इस विवाद पर सवाल किया।" उन्होंने आगे दावा किया कि मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यों की सराहना भी की थी।

सीबीसीआई का कड़ा विरोध

कैथोलिक बिशप सम्मेलन ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने भागवत के बयान को "झूठा और भ्रामक" करार देते हुए कहा कि "प्रणब मुखर्जी के नाम का इस्तेमाल करके आरएसएस अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।"

घर वापसी का विवाद

'घर वापसी' कार्यक्रम के तहत, आरएसएस और इसके सहयोगी संगठनों का उद्देश्य ईसाई और मुस्लिम समुदाय को हिंदू धर्म में वापस लाना है। सीबीसीआई ने इसे "आदिवासी समुदाय की स्वतंत्रता पर हमला" करार दिया।

टीएमसी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बयान पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने पूछा, "क्रिसमस को सुशासन दिवस में क्यों बदला गया?"

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