"बुद्ध ने अपना भिक्षा पात्र छोटे राहुल के हात में देकर उसे अपनी अविनाशी विरासत सौप दी।"

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अजंता की गुफामे यह एक बेहद सुंदर बुद्ध, यशोधरा और राहुल का शिल्प है।
सिद्धार्थ के अभिनिष्क्रमन  के समय राहुल मात्र १ माह से भी कम उम्र के बालक थे।

बुद्धत्व प्राप्ति के बाद ८ साल के पश्चात बुद्ध कपिलवस्तु आए थे, उस समय राहुल आठ साल के थे।

बुद्ध को देख यशोधरा (गोपा) ने राहुल को कहा की, "बेटा आप मुझे पूछते थे की आपके पिता कहा है???"

बुध्द के ओर उंगली निर्देश कर, यशोधरा बोली,
"यह आपके पिता है जो नरो में सिंह की भाती है। जाओ आपके पिता से अपना वारिस हक मांगो।"

यशोधरा और राहुल बुद्ध के समीप जा कर बुद्ध को वारिस हक मांगते हो बुद्ध ने कहा,

"मेरे पास आपको देने लायक नाश होनेवाली ऐसी कई चीज नही, बल्कि धम्म का अविनाशी विरासत है।"

"बुद्ध ने अपना भिक्षा पात्र छोटे राहुल के हात में देकर उसे अपनी अविनाशी विरासत सौप दी।"
बुद्धिस्ट इंटरनॅशनल नेटवर्क

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