दुनिया में एकमात्र संबंध ऐसा है जिसमे न जाति देखी जाती है न धर्म, न अमीर न गरीब, न ऊंच न नीच.. और वो संबंध है -
"अवैध संबंध"
बुरी लगने को बात बुरी लग सकती है.. पर शत प्रतिशत सत्य है... जिन जातियों के हाथ का छुआ पानी नही पीना चाहते उन जातियों की सुंदर कन्याएं अगर सोने के लिए मिलें तो हाथ का छुआ पानी तो दूर,पैर के तलवे भी चाट लेंगे लड़की के... जिस धर्म के लोगों से बेपनाह नफरत हो, बंद कमरे में उस धर्म की लड़की के चरणों में बिछ जायेंगे...
जाति पांति, धर्म अधर्म, छुआछूत ये सब तो समाज में दिखाने और रौब गांठने की चीजें हैं..