एक बार पुरा पढ़ें।
*औरत की क़िस्मत से अल्लाह रिज़्क़ अता करता है और मर्द की क़िस्मत से औलाद।*
लेकिन अब इसका उल्टा हो रहा है
लड़का सोचता है वो कमाता है तो लड़की अच्छी से अच्छी मिल जाएगी
लड़की सोचती है वो ख़ूबसूरत है तो कोई भी पैसे वाला बंदा शादी के लिए मिल जाएगा।
मर्द ख़ूबसूरती के पीछे भाग रहा है और औरत पैसे के पीछे
जबकि दोनों की क़िस्मत एक दूसरे की मोहताज है। मर्द को अपनी मर्दांगी पर नाज़ है वो सोचता है कि वो मर्द है तो औलाद पैदा कर सकता है औरत सोचती है उसकी ख़ूबसूरती से कुछ भी हासिल हो सकता है।*
*माँ बाप लड़की का रिश्ता पैसे वाला लड़का देख कर करते हैं ये भूल जाते हैं रिज़्क़ अल्लाह की अता है और लड़की की क़िस्मत में जितना लिखा होगा उतना मिलेगा वो राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क़ुव्वत रखती है।
होसकता है आप करोड़पति देख कर शादी करें और लड़की की क़िस्मत से फ़क़ीरी आजाए।
बहुत कम ऐसे माँ बाप होते हैं जो शादी का इंतेख़ाब ख़ुशनूदी ए परवरदिगार के लिए करते हैं,जिसे अल्लाह की ज़ात पर भरोसा होता है।
ना मर्द औरत की क़िस्मत से ज़्यादा रिज़्क़ दे सकता है ना औरत मर्द की क़िस्मत की औलाद।
ये बस अल्लाह की अता है लेकिन इस फ़ानी दुनिया में कुछ ग़ायब है तो वो है ऐतबार ए ख़ुदा।
लोग सोचते हैं पैसा है तो सब मिल जाएगा।
लाखों करोड़ों पैसे वाले ग़ैर शादीशुदा है उदहारण देखना हो तो रतन टाटा को देख लो
अरबपति है लेकिन शादी नही हुई,
रेखा को देख लो ख़ूबसूरती है लेकिन शादी नही हुई।
ये सोचना ग़लत है कि उन्होंने की नही बल्कि उनकी क़िस्मत में ये नेमत ए ख़ुदा है ही नही।
सलमान ख़ान, राहुल गांधी जैसे और भी ना जाने ऐसे कितने लोग हैं जिनकी क़िस्मत में शादी नही है।
अगर आपको लगता है आपके हुस्न ओ जमाल से ये ख़ुदा की नेमत मिल जाएगी तो आप ग़लत है
ना पैसा ना ही ख़ूबसूरती शादी के पाक़ रिश्ते को बांध सकती है सिवाए ख़ुदा के।*
*आजकल ये जो दुनिया में हो रहा मर्द ख़ूबसूरती देख रहा और औरत पैसा
➡️ ये शादी नही शैतानी फितना है जिसकी ज़द में सब आरहे सभी को लग रहा कि वो शादी कर रहे लेकिन दर हक़ीक़त वो शैतान के जाल में फंस रहे है तभी ज़िल्लत ओ रुसवाई है
हर तरफ लड़ाई है कहीं तलाक़ है तो कहीं जुदाई है क्योंकि दूर मर्ज़ी ए ख़ुदाई है।*
अल्लाह की मर्ज़ी के बिना एक पत्ता नही हिल सकता और हम उसकी मर्ज़ी के बग़ैर सोचते हैं रिश्ता मिल जाए,
जब तक उसकी मर्ज़ी नही होगी ना रिज़्क़ मिलेगा ना औलाद और ना ही रिश्ता।
लेकिन इस दुनिया में लोगों को 5G की आदत पड़ गयी है वो अल्लाह की रज़ा से तेज़ निकल गए हैं।
ना लड़कों में ख़ौफ़ ए ख़ुदा देखा जा रहा ना नमाज़ रोज़ा नेक़ी अच्छाई, शराफ़त, पैसा और पढ़ाई देखा लड़की दे दी।
लड़के वाले भी ना लड़की में शराफ़त, देखते हैं ना नमाज़ रोज़ा ना ऐतबार ए ख़ुदा ना ख़ौफ़ ए ख़ुदा ख़ूबसूरती देख कर ले आते हैं।*
*इमाम अली अलैहिस्सलाम का फ़रमान है अपने लिए लड़की तलाश करने से पहले अपने होने वाले बच्चों के लिए एक ख़ूब सीरत माँ तलाश करो।
क्योंकि बच्चे माँ की ज़ेरे निगरानी रहते हैं पलते बढ़ते हैं, माँ जैसी तरबीयत देगी बच्चे भी वैसे ही होंगे।*
*इमाम अली अलैहिस्सलाम फिर फ़रमाते हैं अपने लिए तालीम और तरबीयत याफ़्ता लड़की तलाश करो
जिस घर में तालीम और तरबीय याफ़्ता लड़की हो वो किसी यूनिवर्सिटी से बेहतर है।*
*इमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं, जिसके अमाल अच्छे ना हो उसके हसब नसब उसको कोई फ़ायदा नही पहुँचा सकते हैं।*
❤️ *जब तक शादी जिस्म और पैसे के लिए होती रहेगी ख़ुदाई इमदाद कभी हासिल नही होगी,* ❤️
ख़ुशनूदी ए ख़ुदा के लिए शादी करो, वो तुम्हे बेहतर से बेहतरीन अता करेगा बस उस ज़ात पर भरोसा रखो जो माँ के पेट में बच्चे को नुत्फे से ख़ल्क़ कर सकता है वो तुम्हे रिज़्क़, इज़्ज़त, शोहरत, दौलत, औलाद, और नेक बीवी, शौहर सब अता कर सकता है।
वक़्त से पहले और क़िस्मत से ज़्यादा किसी को नही मिला है।
इमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं अपने रब से अपने अच्छे नसीब की दुआ करो।*
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