अशोक के शिलालेख में किसी चाणक्य और उसकी चाणक्य नीति का उल्लेख नहीं मिला।

0
अशोक के शासनकाल का फर्जी इतिहास जो आज के समय में फैलाया जा रहा है जिसका कोई भी ऐतिहासिक शिलालेख और विदेशी पर्यटकों और देश की ऐतिहासिक दृष्टिकोण से आज तक साबित नहीं हुआ?

अशोक सम्राट की मुख्य बातें।
१- अशोक के शासनकाल में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी।
२- अशोक के शिलालेख में किसी चाणक्य और उसकी चाणक्य नीति का उल्लेख नहीं मिला।
3- हमारे देश के किसी भी ऐतिहासिक लेखक ने अशोक सम्राट के इतिहास को क्यों नहीं लिखा?
4- संस्कृत को सबसे पुरानी भारतीय भाषाओं में प्रचारित किया जाता है लेकिन अशोक के शासनकाल में किसी भी शिलालेख में संस्कृत का उपयोग नहीं मिला था।
5- अशोक के शिलालेख का ज्ञान हमें अंग्रेजों के कारण हुआ, नहीं तो इतना महान सम्राट हमारे देश में था हमे पता भी नहीं था इसके लिए दोषी कौन है?

6-  बह्मण और खत्रिय शब्द पाली भाषा में बौद्ध से निकले है, बम्हण मतलब भिक्षुक हुआ करतें हैं उसके बाद संस्कृत का जब विकास हुआ तब इनको परिवर्तित करके ब्राह्मण और क्षत्रिय लिखा गया था।
7- जितने देवी देवताओं और स्वास्तिक चिन्ह और ओम् शब्द का उपयोग हैं ये सभी बौद्ध मूर्तियों के साथ मिलते हैं और पाली भाषा से मेल खाते है।
8- बौद्ध धम्म की जातक कथाओं में एडिटिंग करके ज्यादातर धार्मिक कहानियों को लिखा गया है जैसे दशरथ जातक कथा से रामायण बनाई गई जो रामायण आज देश में करीब 300+ बार अलग अलग कहानियों में लिखी जा चुकी है।
9- ज्यादातर अशोक सम्राट शासनकाल में बनी बुद्ध मूर्तियों को या तो खंडित किया गया या या उसको चुरा कर उसे रंग लगाकर चुनरी पहना कर मुकुट पहनाकर अन्य देवी देवताओं में परिवर्तित करके आज भी काफी पुराने मंदिरों में आपको मिल जाएंगे।
10- अशोक पहले से ही बौद्ध था और कलिंग युद्ध के बाद उसने बौद्ध धम्म की दीक्षा ग्रहण किया गया इसी दीक्षा को ग्रहण करना ही बौद्ध धम्म में दूसरा जन्म कहा जाता है।

यदि कोई विशेष जानकारी जिसे इतिहास की सच्चाई से अलग फैलाया जाता है तो आप भी आगे कमेंट में लिखे।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top