कलम कसाई विदेशी ब्राह्मणो ने 'गुलामी के प्रतिकों' को अपना 'आभुषण' समझाया

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#कलमकसाई विदेशी ब्राह्मणो ने 'गुलामी के प्रतिकों' को अपना 'आभुषण' समझने तक और उस गुलामी के प्रतिकों (कंगन, पायह, गले का हार, पैरों की उंगलियों में रिंग इत्यादी) की मानसिक गुलामी, महिलाओं में बचपन से brain washing कर भर दी हैं...उसी तरह काल्पनिक ईश्वरों के बारे में भी, कलमकसाई ब्राह्मणों ने, बहुजन मुलनिवासी समाज का बुद्धीभेद कर के उनके अंदर मानसिक गुलामी भर दी हैं.. पढेलिखे लोगों को भी सिर्फ कमाकर पेट भरने लायक शिक्षण देकर और उन्हें जानबूझकर सामाजिक इतिहास से वंचित कर उनमें में लाचारी, कायरता, सामाजिक बेईमानी भरकर, उन्हें ब्राह्मणवादी व्यवस्था का का गुलाम बना दिया है...

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