जेजुरी का खंडोबा कौन है ?(पुरातात्विक आधार पर महाराष्ट्र की सांस्कृतिक खोज)

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जेजुरी का

 खंडोबा कौन है ?

(पुरातात्विक आधार पर महाराष्ट्र की सांस्कृतिक खोज)

खंडोबा यह महाराष्ट्र के बहुजनी का महत्वपूर्ण देवता या कुल देवता है। महाराष्ट्र के तमाम गैर ब्राह्मण बहुजन समाज खंडोबा को कुल दैवत के रूप में मानता है. पूजता है। सत्यशोधक समाज का आदर्श भी खंडोबा ही थे। महात्मा, राष्ट्रपिता जोतिराव फुले जी ने अपने सत्यशोधक धार्मिक क्रांति में खंडोबा को आदर्श के तौर पर रखा था। महाराष्ट्र के गांव देहाती में खंडोबा के मंदिर नजर आते है। लेकिन खंडोबा कौन है? उसका वास्तविक इतिहास क्या हैं?इसके बारे में अभी भी गूढता है। तथाकथित ब्राह्मण इतिहासकारों ने खंडोबा का वास्तविक इतिहास आगे आने ही नही दिया। बल्कि खंडोबा के नाम से इन दिनों धारावाहिकों के माध्यम से भी जनमानस को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। मूलनिवासी बहुजनी की परंपरा, संस्कृति यह ब्राह्मण धर्म के खिलाफ है। कलम कसाई ब्राह्मणी ने इन दिनों पांडुरंग, खंडोबा और तुलजा भवानी का बड़े पैमाने पर ब्राह्मणीकरन शुरू किया है। लेकिन इस शोधग्रंथ के द्वारा खंडोबा समेत महाराष्ट्र का सांस्कृतिक इतिहास, प्राचीन इतिहास और लोक परंपराओ का वास्तविक इतिहास प्रस्तुत किया है। इन संदर्भ में यह अब तक का पहला और अधिकृत प्रवास माना जाना चाहिए। हिंदी भाषा में यह ग्रंथ लिखा होने के कारण प्राचीन महाराष्ट्र का उत्तर भारत और दक्षिण भारत के साथ क्या सांस्कृतिक संबंध था यह भी समझना आसान होगा। और महाराष्ट्र के प्राचीन नाग संस्कृति को संपूर्ण भारत के परिपेक्ष्य में समझना आसान होगा।
लेखक:- डा विलास खारत
डा.प्रताप चाटसे 

जय मूलनिवासी 

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