समान नागरिक संहिता पर हमला: बहुजनों के अधिकार खतरे में
मुफ्ती मोहम्मद फहीमुद्दीन का बयान
राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद फहीमुद्दीन ने समान नागरिक संहिता को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल मुस्लिमों बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों को समाप्त करने की साजिश है। बोधगया में आयोजित बामसेफ के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य बहुजनों के हक छीनना है।
मुख्य मुद्दे
- समान नागरिक संहिता के जरिए आरक्षण समाप्त करने की साजिश।
- मुसलमानों और बहुजनों के खिलाफ वक्फ संशोधन विधेयक लाना।
- ओबीसी जनगणना और ईवीएम मुद्दे से ध्यान भटकाना।
- आदिवासियों और अनुसूचित जातियों पर अन्याय।
गंभीर चेतावनी
मुफ्ती फहीमुद्दीन ने कहा कि समान नागरिक संहिता केवल 3.5% लोगों के हित साधने का प्रयास है। इससे भारत की 85% जनता के अधिकार समाप्त हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन बिल जैसे मुद्दे मुस्लिम और ओबीसी जनगणना से ध्यान भटकाने की रणनीति का हिस्सा हैं।
आगे की राह
उन्होंने आह्वान किया कि हमें तहरीम, तंजीम और क़ियादत के अभियान को आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए साधनों और संसाधनों की आवश्यकता है।