भारत में कोरोना से ज्यादा टीबी-कैंसर का कहर
हर साल टीबी से 4 लाख 40
हजार और कैंसर से 7 लाख 84
हजार 821 लोगों की मौत
कोरोना से 5 महीने में 21
हजार लोगों की मौत
अभी हाल ही में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने एक स्टडी में चौंकाने वाला दावा किया था कि भारत में 2021 तक रोजाना 2.87 लाख कोरोना केस आने का अनुमान है. मीडिया में बताया जा रहा है कि भारत में रोजाना कई हजार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या को लेकर पहले भी कई स्टडी सामने आ चुकी हैं. लेकिन इस बार जो आंकड़ा बताया गया है वो काफी खौफनाक है. इस आंकड़ों से ऐसा लगता है कि भारत में कोरोना महामारी लंबे अवधि तक स्थाई रूप से चलने वाली है. हो सकता है सरकार इसको ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन भी 2021 तक बढ़ा सकती है. हालांकि, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबादी होगा. परन्तु, इसी बीच दो और आंकड़े जारी किए जा चुके हैं जो शायद भारत में कोरोना महामारी को लेकर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.
पहला आंकड़ा भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया है और दूसरा डब्ल्यूएचओ ने जारी किया है. इन दोनों आंकड़ों ने भारत में कोरोना महामारी को लेकर सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर दिए हैं. जहां केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा है कि भारत में कोरोना से मरने वालों में 75 प्रतिशत अन्य बीमारियों से शामिल है तो वहीं डब्ल्यूएचओ का आंकड़ा है कि कोरोना से होने वाली मृत्युदर 0.01 प्रतिशत है यानी कोरोना 1 प्रतिशत से भी कम खतरनाक है. अगर इन दोनों आकड़ों पर गौर करें तो लगता है कि वास्तव में भारत में कोरोना वायरस के नाम पर खतरनाक शाजिस चल रही है. इन आंकड़ों से साबित होता है कि भारत में कोरोना वायरस न तो ज्यादा घातक है और न ही अन्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या से ज्यादा है. लेकिन, इस पर न तो मीडिया में चर्चा हुई और न ही इस पर टीवी चैनलों पर बहस हुई. चौंकाने वाली बात यह है कि जब कोरोना महामारी का खतरा 1 प्रतिशत से भी कम है तो फिर मीडिया में कोरोना को लेकर क्यो दहशत फैलाई जा रही है?
क्या किसी ने सोचा है कि देश में हर साल टीबी, कैंसर या रोड एक्सीडेंट में कितने लोगों की मौत होती है? आज जिस तरह से मीडिया में कोरोना के नये केसेस और मरने वालों की संख्या दिखाई जा रहा है क्या अन्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या दिखाई जाती है? मीडिया में जैसे कोरोना के मरीज़ों और मरने वालों की संख्या दिखाई जा रही है अगर इसी तरह से अन्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या दिखाई जाए तो देश की जनता को पता चलेगा कि भारत में कोरोना महामारी से कहीं कई गुना ज्यादा टीबी, कैंसर, रोड एक्सीडेंट,डायबिटीज़, डायरिया, सांस की बीमारी आदि खतरनाक है.
अगर, कोरोना से मरने वालों की संख्या और अन्य बीमारियों से मरने वाली संख्या की तुलना की जाए तो भारत में कोरोना वायरस का मार्च से तेजी से प्रसार हुआ जिसे रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया. इस तरह से 22 मार्च से लेकर 10 अगस्त 2020, तक यानी लगभग 5 महीनों में कोरोना वायरस से कुल 21,604 लोगों की मौत हुई है. जबकि, टीबी से हर साल 4,40,000 लोगों की मौत हो जाती है. इसी तरह से कैंसर से हर साल 7,84,821 लोगों की मौत होती है.
इससे
साबित होता है कि कोरोना से ज्यादा खतरनाक अन्य बिमारियां हैं. इसके बाद भी मीडिया
से लेकर सरकार तक केवल कोरोना के नाम पर देश में दहशत फैलाने का काम कर रही है.
अगर सरकार और मीडिया जिस तरह से कोरोना के आंकड़ों को दिखा रही है उसी तरह से अगर
उपरोक्त बिमारियों से मरने वालों का आंकड़ा जारी करे तो जनता को पता चल जायेगा कि
देश में कोरोना से ज्यादा खतरनाक उपरोक्त बिमारियां हैं और जनता यह भी जान जायेगी
कि सरकार उपरोक्त बिमारियों से होने वाली मौतों को लेकर न तो गंभीर है और न ही
रोकने के लिए कुछ कर रही है. यह साबित हो जायेगा कि सरकार उन बिमारियों को रोकने
में पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है.
भारत में
कोरोना से ज्यादा जानलेवा टीबी
कोरोना
वायरस ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा रखा है. बताया जा रहा है कि भारत में भी रोज
कोविड-19 के मरीज
बढ़ रहे हैं और मौतें हो रही हैं. लेकिन, आंकड़े देखें तो देश में कोरोना की
तुलना में टीबी से अब भी ज्यादा मरीज दम तोड़ रहे हैं. अगर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट 2016 की बात करें तो भारत में टीबी से हर
साल 4 लाख 40 हजार लोगों की मौत होती है. विश्व
स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर तिमाही 20,000 लोगों की टीबी से मौत हुई है. जबकि, इसकी तुलना में कोविड-19 से पिछले साढ़े तीन महीनों में भारत में
लगभग 15,000 लोगों की
मौत हुई है.
गूगल से ली गई छायाचित्र
कैंसर के मामले में आगे भारत
डबल्यूएचओ
के एक अनुमान के मुताबिक, 2018 में कैंसर
से कुल 96 लाख मौतें
हुईं थीं, इनमें से 70 फीसदी मौतें गरीब देश या भारत जैसे
मिडिल इंकम देशों में हुईं हैं. अगर भारत की बात करें तो इसी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कैंसर से 7.84 लाख मौतें हुईं है यानी कैंसर से हुईं
कुल मौतों की 8 फीसदी
मौतें अकेले भारत में हुईं है. जर्नल ऑफ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में 2017 और कैंसर इंडिया आरोजी वेबसाइट 2018 के मुताबिक, भारत में कैंसर से मरने वालों की दर
विकसित देशों से लगभग दोगुनी है. इसके मुताबिक भारत में हर साल 7 लाख 84 हजार 821 लोगों की मौत होती है. इसी रिपोर्ट के
अनुसार, हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है. रिपोर्ट में इसका
कारण कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी बताया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2000 कैंसर मरीजों पर महज एक डॉक्टर है.
भारत में
हर साल अन्य बिमारियों से मरते हैं करोड़ों लोग
गूगल से ली गई छायाचित्र
भारत में टीबी, कैंसर जैसी बिमारियों को छोड़ दिया जाए तो भी अन्य बिमारियों से मरने वालों की सालाना संख्या करोडों में है. अगर दिल की बीमारी की बात करें तो द लैसेंट जर्नल रिपोर्ट 2016 के अनुसार, भारत में हर साल 28 लाख मौत केवल दिल की बीमारी से होती है. इसी तरह से इसी रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदुषण से हर साल 12 लाख लोगों की मौत होती है. डब्ल्यूएचओ 2016 के अनुसार, डायबिटिज से 2 लाख 20 हजार, रजिस्टार जर्नल ऑफ इंडिया 2017 के अनुसार, सांस की बीमारी से हर साल 1.29, ग्लोबल हेल्थ् ऑब्जर्वेटरी 2016 के अनुसार, 1.29 लाख लोगों ने डायरिया से जान गवांई है. जबकि सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार देश में हर साल रोड एक्सिडेंट से 1.51 लाख लोगों की मौत होती है.@Nayayk1
More TB-Cancer havoc in India than Corona
Every year 4 lakh 40 thousand people die from TB and 7 lakh 84 thousand
821 people die from cancer.
21 thousand dead in 5 months from Corona
Photograph taken from Google
Recently, the Massachusetts Institute of Technology (MIT) had made a shocking claim that India is estimated to have 2.87 lakh corona cases daily by 2021. It is being told in the media that several thousand new cases of corona are coming out in India every day. However, many studies have already been done on the number of corona virus cases in India. But this time the figure that has been told is quite frightening. From this data, it seems that the corona epidemic in India is going to be permanent for a long period. Keeping this in mind, the government may also extend the lockdown by 2021. However, it is too early to say anything on this. But in the meantime, two more figures have been released, which is probably the most important regarding the Corona epidemic in India.
The first
data has been released by the Union Ministry of Health, Government of India and
the second is released by WHO. These two figures have raised the biggest
question about the corona epidemic in India. While the Union Health Ministry figures
that 75 percent of the people who die from corona in India are covered by other
diseases, WHO figures that the death rate from corona is 0.01 percent i.e.
corona is less than 1 percent dangerous. If you look at these two figures, then
it seems that in the name of corona virus in India, dangerous crime is going
on. These figures prove that the corona virus in India is neither more deadly
nor more than the number of people dying from other diseases. However, this was
neither discussed in the media nor was it debated on TV channels. The
surprising thing is that when the risk of corona epidemic is less than 1
percent, then why is there panic in the media about corona?
Has anyone
thought about how many people die in TB, cancer or road accident every year in
the country? Today, the way the number of new cases and deaths of Corona is
being shown in the media, is the number of deaths from other diseases shown? As
the number of deaths and deaths of corona patients is being shown in the media,
if the number of people who die from other diseases are shown in this way, then
the people of the country will know that the corona epidemic in India is many
times more than TB, cancer, road. Accident diabetes, diarrhea, respiratory
disease etc. are dangerous.
If the
number of people who die from corona and the number of deaths from other
diseases are compared, the corona virus spread rapidly in India since March, to
prevent the government declared a lockdown. In this way, from March 22 to
August 10, 2020, a total of 21,604 people have died due to corona virus in
about 5 months. Whereas, 4,40,000 people die every year from TB. Similarly,
7,84,821 people die every year from cancer.
This proves
that there are other diseases more dangerous than Corona. Even after this, from
the media to the government, it is working to spread terror in the country only
in the name of Corona. If the government and the media are showing the data of
corona in the same way, if the figures of those who die from the above diseases
are released, then the public will know that the above diseases are more
dangerous than corona in the country and the public will also know that The
government is neither serious nor doing anything to prevent deaths from the
above diseases. It will be proved that the government has completely failed to
stop those diseases.
Deadly TB
in India more than Corona
Corona virus has stirred up the whole world. It is being told that even in India, Kovid-19 patients are increasing and deaths are happening every day. But, if you look at the statistics, more patients are dying in TB than corona in the country. If we talk about WHO report 2016, 4 lakh 40 thousand people die every year from TB in India. According to the World Health Organization, every quarter 20,000 people have died of TB. However, in comparison, about 15,000 people have died in India in the last three and a half months from Kovid-19
Photograph taken from Google
India ahead in case of cancer
According to
a WHO estimate, there were a total of 96 lakh deaths due to cancer in 2018, of
which 70 per cent of deaths occurred in poor countries or middle income
countries like India. If we talk about India, according to this report, there
have been 7.84 lakh deaths due to cancer in India i.e. 8% of the total deaths
due to cancer have occurred in India alone. According to the Journal of Global
Oncology in 2017 and the Cancer India AROG website 2018, the rate of cancer
deaths in India is almost double that of developed countries. According to
this, 7 lakh 84 thousand 821 people die every year in India. According to this
report, 7 out of every 10 cancer patients die. In the report, the reason for
this was stated to be the lack of doctors treating cancer. According to the
report, there is only one doctor on 2000 cancer patients in India.
Crores of people die every year from other diseases in India
Photograph taken from Google
In India,
except for diseases like tuberculosis and cancer, the annual number of deaths
from other diseases is in crores. If we talk about heart disease, according to
The Laciente Journal Report 2016, every year 28 lakh deaths in India are due to
heart disease only. Similarly, according to the same report, 12 million people
die every year due to air pollution. According to WHO 2016, 2 lakh 20 thousand
from diabetes, 1.29 lakh people have lost their lives from diarrhea, according
to the Global Health Observatory 2016, 1.29 every year from respiratory disease
according to the Registrar Journal of India 2017. Whereas according to the
Ministry of Road Transport, 1.51 lakh people die due to road accident in the
country every year.@Nayayk1
Thank
you Google