भारत में
अल्पसंख्यक लोगों को हिंदू मनवाने का जबर्दस्ती खेल सत्ता के बल और भय के आधार पर
चल रहा है :मा.वामन मेश्राम साहब
मा.वामन मेश्राम साहब
भारत में अल्पसंख्यक लोगों को हिंदू मनवाने
का जबर्दस्ती खेल सत्ता के बल और भय के आधार पर चल रहा है. यह बात बामसेफ के
राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कही है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के सिख
भाईचारे को मैं संबोधित करना चाहता हूँ. लेकिन, उससे पहले मैं अपने संगठन और उसकी शक्ति के बारे में
कुछ बताना चाहता हूँ. वामन मेश्रामजी ने कहा हम लोग भारत में देशव्यापी संगठन बना
चुके हैं और उसके अंतर्गत देश के लगभग 31 राज्य, 542 जिलों, 3500 तहसीलों, 22 हजार ब्लॉक और 1.5 लाख गाँवों में संगठन का जाल फैला चुके हैं. इसके
अलावा 5 मार्च 2019 और 29 जनवरी 2020 को दो बार सफलतापूर्वक भारत बंद भी कर चुके हैं. इससे
अंदाजा लगाया जा सकता है कि संगठन की ताकत और शक्ति काफी बड़े पैमाने पर देश में
फैली हुई है.
वामन मेश्रामजी ने कहा देश में लगभग 6 प्रकार के धार्मिक अल्पसंख्यक लोग
है, जिसमें जैन, बुद्धिस्ट, मुस्लिम, सिख, ईसाई और लिंगायत शामिल हैं जो समानता के सिद्धांत को
मानते हैं. लेकिन, भारत में सभी अल्पसंख्यक लोगों को
हिंदू मनवाने का जबर्दस्ती खेल सत्ता के बल पर और भय के आधार पर चल रहा है.
उन्होंने कहा, 1984 में सिखों के धर्म मंदिर पर अर्थात
दरबार साहिब पर ब्राह्मणवादियों ने मिलिट्री के द्वारा बहुत बड़ा हमला किया, हम लोग तब भी विरोध में थे और आज
भी विरोध में हैं. यही नहीं, सिख
नौजवानों का बड़े पैमाने पर एनकाउंटर किया गया और एनकाउंटर करके मरवाया गया, यह षंड्यत्र भी पंजाब में चला. हम
उसके भी विरोधी थे और आज भी विरोधी हैं.
वामन मेश्रामजी ने आरोप लगाते हुए कहा जिन
लोगों को जेल हुआ और जेल में समय भी समाप्त हो गया, फिर भी उनको जेल से नहीं छोड़ा जा रहा है. ये सविधान
के विरोध में हैं और भारत में संविधान विरोधी कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है. वामन
मेश्रामजी ने सिख लोगों की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस का
संकट बढ़ गया, गरीब और मजलूम लोगों के सामने
खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया. ऐसे समय में गुरुद्वारे के लोगों ने सारी दुनिया
में लंगर चलाकर जो सेवा करने का काम किया, मजदूर और गरीब लोगों को खाना खिलाने का काम किया, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण दुनिया में
दिखाई नहीं देता है.
वामन मेश्रामजी आगे कहा कि दिल्ली के दंगों
में भी सिखों ने मदद करने का संकट काल में काम किया. इस समय उनको बहुत बड़ी धमकियां
भी आई, इसके बावजूद भी उन्होंने यह काम
किया. ये भी काम उनका क़ाबिले तारीफ है. आज दुनिया भर में जो सिख फैले हुए हैं और
गुरुओं का काम कर रहे हैं, यह कार्य बहुत ही अच्छा है. यानी
भारत के पंजाब से छोड़कर वह विदेश में फैले, फिर भी उन्होंने गुरुओं का कार्य नहीं छोड़ा है, यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है.
गुरुओं ने जो मजलूमों की लड़ाई लड़ी उस काम को सिखों को करना चाहिए. इसके साथ ही जो
भारत में दूसरे मजलूम लोग हैं उनको साथ में लेकर मिल जुलकर मजलूमों की लड़ाई लड़नी चाहिए.
ऐसा हमारा मानना है.
यह लड़ाई संविधान के दायरे में रहकर, मजलूमों और तमाम अलग-अलग प्रकार के धर्म को मानने वाले जो लोग हैं उनको भी साथ में लेकर लड़ी जा सकती है. संविधान के दायरे में रहकर इस लड़ाई को बड़े पैमाने पर लड़ा जा सकता है.@Nayak1
The Forced Game of Persuading Minority People
in India is Going on the Basis of Power and Fear of Power:Honorable Waman Meshram Saheb
Honorable Waman Meshram Saheb
The forced game of persuading minority people
in India is going on the basis of power and fear of power. Bamsef national
president Waman Meshram said this. He further said that I want to address the
Sikh brotherhood of the world. But before that, I want to tell you something
about our organization and its power. Waman Meshramji said that we have formed
a nationwide organization in India and under it the organization has spread its
network in about 31 states, 542 districts, 3500 tehsils, 22 thousand blocks and
1.5 lakh villages. Apart from this, on 5 March 2019 and 29 January 2020, they
have successfully closed India twice. From this it can be guessed that the
strength and power of the organization is spread in the country on a large
scale.
Waman Meshramji said that there are about 6
types of religious minorities in the country, which include Jains, Buddhists,
Muslims, Sikhs, Christians and Lingayats who follow the principle of equality.
But, the forceful game of persuading all minority people in India to Hinduism
is going on on the basis of power and fear. He said, in 1984, the Brahminists
made a big attack on the Dharma temple of the Sikhs, that is, Darbar Sahib by
the military, we were still in protest and are still in protest today. Not only
this, the Sikh youths were Encountered on a large scale and killed by
Encounter, this conspiracy also went on in Punjab. We were also against him and
are still against him today.
Waman Meshramji alleged that those who were
jailed and the time in jail has ended, yet they are not being released from
jail. They are against the constitution and anti-constitution work is going on
in a big way in India. Waman Meshramji appreciated the Sikh people and said
that the crisis of corona virus increased around the world, the food and drink
crisis came before the poor and the poor. At such a time, the people of the
gurudwara have done the work of serving langar, feeding laborers and poor
people all over the world, no other such example is seen in the world.
Waman Meshramji further said that even in the riots of Delhi, the Sikhs worked in a crisis to help. At this time he also faced a lot of threats, yet he did this job. This work is also his praise. Today, Sikhs who are spread all over the world and are working as gurus, this work is very good. That is, leaving India in Punjab, he spread abroad, yet he has not left the work of gurus, this is a very important work. The Sikhs should do the work of the gurus who fought the gurus. Along with this, those who are other Majumloom people in India should fight together and fight together with the Majloom people. We believe so.
This battle can be fought by staying within the purview of the constitution, along with the people who believe in religion and all different types of religion. This battle can be fought on a large scale within the scope of the Constitution. @ Nayak1
Super
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