एक नारा #वोट_हमारा(85% OBC/SC/ST/Minorityका) #राज_तुम्हारा(3.5% ब्राह्मणों का) जो हर किसी को समझ आ जाये लगाते ही #ईवीएम_को_भारत_में_लाने की कार्यवाही शुरू हुई
लोकतंत्र का हत्यारा ईवीएम पार्ट-1
ईवीएम मशीन को भारत में क्यों लाया
गया ?
जब अस्सी के दशक में सारे यूरोप में
ईवीएम मशीन पर प्रतिबंध लगाया, अमेरिका और जापान ने भी ईवीएम मशीन पर प्रतिबंध लगाया, तब इंदिरा गांधी ने 1982 में इस प्रतिबंध लगाई हुई
मशीन को भारत में लाने का निर्णय किया।
इंदिरा गांधी ने 1982 में ईवीएम मशीन को भारत में
लाने का निर्णय क्यों किया? 1982 में कांशीराम जी का प्रार्दुभाव हो गया था और "वोट
हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा" ऐसे नारे सारे देश भर में लग रहे थे। उस समय1982 में इंदिरा गांधी ने ईवीएम मशीन लाने का निर्णय
यह सोचकर किया कि हम ब्राह्मण लोग 3.5 प्रतिशत हैं इमानदारी से हम ब्राह्मण लोग कभी चुनाव जीतते
नहीं हैं भविष्य में तो यह खतरा और पैदा होगा। इसलिए अगर भविष्य में चुनाव जीतना
है तो जिस मशीन पर यूरोप में पाबंदी लगाई है वह मशीन हम ब्राह्मणों के लिए सबसे
ज्यादा उपयोगी है। यह ईवीएम मशीन जो बदमाश मशीन है यह ईवीएम मशीन हम ब्राह्मणों
के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी मशीन है।
*यह सोचकर इंदिरा गांधी ने 1982 में ईवीएम मशीन को भारत में लाने का फैसला किया* इसलिए
ईवीएम मशीन के बारे में इंदिरा गांधी को सारी टेक्निकल जानकारी थी।
ईवीएम मुद्दे पर कांग्रेस और RSS का आपसी समझौता
सन 2004 सन 2009 में कांग्रेस ने सारे देश भर में लोकसभा चुनाव में ईवीएम
मशीन का उपयोग किया
और कांग्रेस ने ईवीएम मशीन के
माध्यम से घोटाला
किया।
यह घोटाला कैसे करना है यह केवल
कांग्रेस को ही मालूम था* सन 2003 में अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे मगर अटल बिहारी
वाजपेई को ईवीएम मशीन में घोटाले के बारे में मालूम नहीं था ।ईवीएम मशीन को भारत
में लाने का काम इंदिरा गांधी ने किया था ।इसलिए ईवीएम मशीन में घोटाले के बारे
में इंदिरा गांधी को मालूम था। 2004 में कांग्रेस ने ईवीएम मशीन में घोटाला करके चुनाव जीता 2009 में भी कांग्रेस ने ईवीएम
मशीन में घोटाला करके चुनाव जीता । 2004 और 2009 में कांग्रेस द्वारा ईवीएम मशीन में घोटाला करके लोकसभा
चुनाव जीतने के बाद डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके दस्तावेजी सबूत इकट्ठा किए।
डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके दस्तावेजी सबूत इकट्ठा करके इसे सुप्रीम कोर्ट
में लेकर गया । ईवीएम मशीन में घोटाला कैसे करना है कांग्रेस को सब मालूम है। वैसे
BJP को ईवीएम मशीन में घोटाले
के बारे में मालूम नहीं था मगर 2004 और 2009 में कांग्रेस के द्वारा ईवीएम मशीन में घोटाला करके लोकसभा
चुनाव जीतने का सबूत डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने RSS को दे दिया,जिसके कारण RSS और BJP को भी मालूम हो गया कि ईवीएम मशीन में घोटाला करके चुनाव
जीता गया है। इसके बाद कांग्रेस ने RSS के साथ संपर्क किया और RSS के साथ गुप्त समझौता किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को नोटिस
जारी किया तो कांग्रेस में हड़कंप मच गया कांग्रेस को लगा कि अब कैसे बचा जाए ? इसीलिए कांग्रेस ने सबसे
पहले सोचा कि सबसे पहले तो सुप्रीम कोर्ट के जज को मैनेज करना होगा क्योंकि
सुप्रीम कोर्ट ने अगर फैसला सुना दिया तो खतरा बहुत बढ़ जाएगा और इस कारण 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव असंवैधानिक
घोषित हो जाएगा। अगर 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव असंवैधानिक घोषित हो गया तो 2004 वह 2009 में जितने भी निर्णय लिए गए
हैं वह सारे के सारे निर्णय भी असंवैधानिक घोषित हो जाएंगे* इसलिए कांग्रेस ने
सोचा कि सबसे पहले क्या करना होगा ? कांग्रेस ने फौरी तौर पर सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के जजों को मैनेज
करने का गुप्त प्लान बनाया मैं आपको बहुत गंभीर बात बता रहा हूं ।मेरे पास सबूत
हैं कि उन्होंने कौन-कौन से जजों को मैनेज किया ।मुझे जजों के नाम के साथ मालूम है
और मेरे पास इसके सबूत भी हैं
इसके बाद कांग्रेस ने सोचा कि केवल
जजों को मैनेज करने से काम नहीं चलेगा क्योंकि 2004 में कांग्रेस ने अटल बिहारी वाजपेई को हराया था और 2009 में लालकृष्ण आडवाणी को
हराया था अटल बिहारी वाजपेई तो रिटायर हो गया है मगर लालकृष्ण आडवाणी रिटायर होने
का नाम नहीं ले रहा है अगर आडवाणी को यह ईवीएम मशीन में घोटाले के बारे में मालूम
हो गया तो वह सारे देश में इसके खिलाफ रथ यात्रा करने निकल पड़ेगा। अगर आडवाणी ने
सारे देश में रथ यात्रा निकाली तो सारे देश में इतना हंगामा होगा कि जिला लेवल पर
कांग्रेस कमेटियों के जो दफ्तर हैं उसमें आग लगने की संभावना है इससे भयंकर मामला
खड़ा हो जाएगा। इसलिए सोनिया गांधी और कांग्रेस ने
निर्णय किया कि इस से भयंकर मामला
होने वाला है,
इसलिए इसे रोकना होगा।
सोनिया गांधी और कांग्रेस ने सोचा
कि लालकृष्ण आडवाणी को कौन रोक सकता है? क्या सुषमा स्वराज रोक सकती हैं? बिल्कुल नहीं ।क्यों?
क्योंकि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली
तो आडवाणी के चेले हैं इसलिए चेले नेता को कैसे रोकेंगे इसलिए कांग्रेस को लगा कि
यह आडवाणी को नहीं रोक सकते हैं मगर आडवाणी को किसी भी हालत में रोकना होगा इसलिए
कांग्रेस ने RSS से संपर्क किया कांग्रेस ने
सोचा कि एक ही शक्ति आडवाणी को रोक सकती है और दूसरी कोई भी शक्ति आडवाणी को भारत
में नहीं रोक सकती और इस शक्ति का नाम है आरएसएस
इसलिए कांग्रेस ने RSS से संपर्क किया और RSS को कहा कि आपके पास डॉक्टर
सुब्रमण्यम स्वामी ने सारे दस्तावेजी सबूत दिए हैं कि हमने कैसे 2004 और 2009 में ईवीएम मशीन में घोटाला
करके लोकसभा
चुनाव जीता और आप लोगों ने वह सारे
दस्तावेज देख लिए हैं इसलिए अब आपसे क्या छुपाना है अब तो
आपको सब कुछ मालूम ही हो गया है
जब तक हम सोच रहे थे कि छुपा है तो
छुपा है ठीक है
मगर जब आपको सब मालूम हो ही गया है
तो और बंद मुट्ठी खुल गई है इसलिए अब आपको हम बताते हैं
कि हमने 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव में ईवीएम
में मशीन में घोटाला किया था और चुनाव जीता था।
मगर राष्ट्रहित में यह है कि आडवाणी
को रोका जाए क्योंकि जो ब्राह्मण हित में होता है उसे वह राष्ट्रहित में बताते हैं
।जो ब्राह्मणों के हित में होता है वे कहते हैं कि नहीं नहीं यह देशहित और
राष्ट्रहित में है।
यह इसलिए राष्ट्रहित में है क्योंकि
आडवाणी को रोका जाए नहीं तो देश खतरे में पड़ जाएगा RSS ने कांग्रेस से पूछा कि देश
कैसे खतरे में पड़ेगा?
कांग्रेस ने कहा कि 2004 से 2014 तक हमारी सरकार ने जो भी
फैसले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिए हैं वह सारे के सारे रद्द हो जाएंगे
और भारत की सारी दुनिया में बदनामी हो जाएगी। देश में विद्रोह खड़ा हो जाएगा। पहले
से ही SC ST OBC और माइनॉरिटी में असंतोष
फैला हुआ है और वामन मेश्राम पहले से ही नजर गड़ाए बैठा है इसलिए खतरा ज्यादा है।
केवल आडवाणी का ही खतरा नहीं है बल्कि एक और खतरा वामन मेश्राम का भी है इसलिए
कांग्रेस ने RSS को कहा कि आडवाणी को रोकना
होगा तब RSS ने कांग्रेस से कहा कि हां
हम अब आडवाणी को रोकते हैं ठीक है आपकी बात मान लेते हैं RSS ने कांग्रेस को कहा कि आडवाणी
को रोकने से हमें क्या फायदा होगा ?
कांग्रेस ने RSS को कहा कि इससे राष्ट्रहित
को फायदा होगा ।RSS ने कांग्रेस से कहा कि अरे यह तो लोगों को बेवकूफ बनाने के
लिए राष्ट्रहित का स्लोगन है जैसे कांग्रेस और गांधी जी ने लोगों को बेवकूफ बनाने
के
लिए राष्ट्रहित का नारा लगाया था हम
RSS के लोग भी
लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए
राष्ट्रहित की बात करते रहते हैं।
मगर हम दोनों धोखेबाज लोग इकट्ठा
बैठे हैं तो हम दोनों को राष्ट्रहित का अर्थ मालूम है इसलिए तुम हमको राष्ट्रहित
कि बात मत करो।
क्योंकि हमको मालूम है कि हम कोई राष्ट्रहित का काम करने वाले लोग नहीं हैं क्या ब्राह्मण कभी कोई राष्ट्रहित में काम करता है ?* कांग्रेस ने कहा कि चलो ठीक है तो अब क्या किया जाए RSS में बड़े घाघ नेता लोग हैं। उसनें कांग्रेस को कहा कि आप ने घोटाला किया है तो यह आपको बताना है। कांग्रेस ने कहा कि ठीक है हम ही बताते हैं कांग्रेस ने RSS को कहा कि 2014 के चुनाव में आप घोटाला कर लेना केंद्र में हमारी सरकार हैं चीफ इलेक्शन कमिशन हमने बनाया है उसने पिछले बार इस षड्यंत्र में हिस्सा लिया था और जब पिछली षड्यंत्र में हिस्सा लिया था तो अब भी षड्यंत्र में हिस्सा लेगा और दूसरी बात यह है कि जो भारतीय प्रशासनिक सेवा है इसमें उसमें 80% ब्राह्मण और तत्सम ऊंची जातियों जाति के लोग हैं। केन्द्र में हमारी सरकार है इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों से हम यह काम करवाएंगे जुडिशरी को हमने बोल दिया है मीडिया वालों को भी बोल दिया है कि इसकी कोई खबर नहीं छापी जाए इसलिए हम आपको सारे देश भर में मदद करने के लिए तैयार हैं इसीलिए 2014 का चुनाव आप घोटाला करके जीतो।*
*RSS ने कांग्रेस को कहा कि आप ने ऐसा कहा कि 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव में घोटाला
करके दो बार चुनाव जीता और आप हमें एक ही बार घोटाला करने के लिए बोल रहे हैं*
इसलिए यह बात सही
नहीं है। कांग्रेस ने RSS से पूछा कि आपका क्या कहना
है? RSS के लोग बहुत घाघ हैं
उन्होंने कांग्रेस को कहा आप भली-भांति जानते हो कि हम क्या कहना चाहते हैं ?कांग्रेस ने कहा कि अच्छा
आपका यह कहना है कि हमने दो बार घोटाला किया है तो आपको भी दो बार घोटाला करने का
अवसर दिया जाए। RSS ने कहा कि हम तो पहले ही कह रहे हैं कि आप समझदार लोग हैं
आप हमसे सीनियर लोग हैं 1885 में कांग्रेस बनी और 1925 में RSS बनी तो आप तो हमसे सीनियर हैं आप ज्यादा होशियार लोग हैं
अगर आपने दो बार
घोटाला किया है तो हमें भी दो बार
घोटाला करने दिया
जाए। इस बात पर कांग्रेस और RSS के साथ सौदेबाजी हुई और
सौदेबाजी होने के बाद यह निर्णय हुआ।
संदर्भ-लोकतंत्र का हत्यारा ईवीएम
पेज नम्बर 14 -18
लेखक-वामन मेश्राम
(राष्ट्रीय अध्यक्ष बामसेफ)
प्रकाशक-मूलनिवासी पब्लिकेशन ट्रस्ट
A slogan vote_ ours (85% of OBC / SC / ST / Minority) rule Yours (3.5%
of Brahmins) that everyone can understand.
As soon as the process of putting EVMs started in India.
EVM killer of democracy Part-1
Why was EVM machine brought to India?
When the EVMs were banned in all Europe in the eighties, the US and
Japan also banned EVMs, Indira Gandhi decided in 1982 to bring this banned
machine to India.
Why did Indira Gandhi decide to bring EVM machine to India in 1982? In
1982, Kanshi Ram ji was born and slogans like "Vote hamara raj aap nahin
chalge" were seen all over the country. At that time, in 1982, Indira
Gandhi decided to bring EVM machine thinking that we Brahmins are 3.5 percent.
Honestly, we Brahmins never win elections. This danger will arise in future.
Therefore, if we want to win elections in future, then the machine which has
been banned in Europe is the most useful machine for us Brahmins. This EVM
machine which is a rogue machine, this EVM machine is the most useful machine for
us Brahmins.
* Thinking Indira Gandhi decided to bring EVM machine to
India in 1982 * So Indira Gandhi had all technical knowledge about EVM machine.
Congress and RSS's mutual agreement on EVM issue
In the year 2004, the Congress used the EVM machine in the
Lok Sabha elections across the country.
And Congress scam through EVM machine
did.
Only Congress knew how to do this scam * In 2003, Atal
Bihari Vajpayee was the Prime Minister but Atal Bihari Vajpayee did not know
about the scam in EVM machine. Indira Gandhi did the work of bringing EVM
machine to India. Therefore, Indira Gandhi knew about the scam in EVM machine.
In 2004, Congress won election by scam in EVM machine. In 2009 also Congress
won election by scam in EVM machine. Dr Subramaniam Swamy gathered documentary
evidence after Congress won the Lok Sabha elections in 2004 and 2009 by
scamming EVMs. Doctor Subramanian Swamy gathered documentary evidence and took
it to the Supreme Court. The Congress knows how to scam the EVM machine.
Although BJP did not know about the EVM machine scam, but in 2004 and 2009,
Congress Subramanian Swamy gave proof of Congress winning the Lok Sabha
elections by scam in EVM machine, due to which RSS and BJP also came to know.
That the election has been won by scamming the EVM machine. After this, the
Congress approached the RSS and entered into a secret agreement with the RSS.
When the Supreme Court issued a notice to the Congress,
there was a stir in the Congress that the Congress felt how to save now? That
is why the Congress first thought that the judge of the Supreme Court would
have to manage first because if the Supreme Court gave its verdict then the
danger would be greatly increased and due to this the Lok Sabha elections of
2004 and 2009 would be declared unconstitutional. If the 2004 and 2009 Lok
Sabha elections were declared unconstitutional, then all the decisions that
were taken in 2004, all the decisions taken in 2009 will also be declared
unconstitutional. The Congress immediately made a secret plan to manage the
judges of the Supreme Court. I am telling you a very serious thing. I have
evidence of which judges they managed. I know with the names of the judges. And
I also have proof
After this, the Congress thought that managing only judges
would not work because in 2004 Congress defeated Atal Bihari Vajpayee and in
2009 defeated LK Advani, Atal Bihari Vajpayee has retired but LK Advani is not
retiring. It is taking that if Advani gets to know about this EVM machine scam,
he will have to go on a rath yatra against it all over the country. If Advani
took out the Rath Yatra in the whole country, there would be so much uproar in
the whole country that there is a possibility of fire in the offices of
Congress committees at the district level, it will raise a terrible case. So
Sonia Gandhi and Congress
Decided that this is going to be a terrible case,
So it has to be stopped.
Sonia Gandhi and Congress wondered who can stop LK Advani?
Can Sushma stop Swaraj? Absolutely not. Why?
Because Sushma Swaraj and Arun Jaitley are Advani's
disciples, how will the disciples stop the leader, so the Congress felt that it
cannot stop Advani but Advani will have to stop under any circumstances, so the
Congress approached RSS Only Shakti can stop Advani and no other power can stop
Advani in India and the name of this power is RSS
So the Congress approached the RSS and told the RSS that
Dr. Subramaniam Swamy has given you all the documentary evidence of how we scam
the EVMs in 2004 and 2009.
You won the election and you have seen all those documents,
so what to hide from you now.
You know everything
While we were thinking that hiding is okay
But when you know everything, then the closed fist has
opened, so now we tell you
That we had scammed the machine in EVMs in the 2004 and
2009 Lok Sabha elections and won the election.
But it is in the national interest that Advani be stopped
because whatever is in the interest of the Brahmins, he explains it in the
national interest. Those who are in the interest of the Brahmins say that no,
it is not in the national interest and the national interest.
This is in the national interest because Advani should be
stopped or else the country will be in danger. RSS asked the Congress, how will
the country be in danger?
The Congress said that all decisions taken by our
government at national and international level from 2004 to 2014 will be
canceled and all of India will become infamous all over the world. A revolt
will arise in the country. Already, SC ST OBC and minority dissatisfaction is
spreading and Vaman Meshram is already eyeing, so the danger is high. It is not
only the threat of Advani but another threat is also of Vaman Meshram, so the
Congress told the RSS that Advani needs to be stopped, then the RSS told the Congress
that yes we stop Advani right now. Tell the Congress that what will we gain by
stopping Advani?
The Congress told the RSS that it would benefit the
national interest. The RSS said to the Congress that oh this is a slogan of the
national interest to fool people like Congress and Gandhi ji started fooling
people.
We also raised the slogan of national interest
They keep talking about national interest to fool people.
But both of us are sitting fraudulent people, then both of
us know the meaning of national interest, so do not talk about us national
interest.
Because we know that we are not people doing any national
interest, does a Brahmin ever work in the national interest? * The Congress
said, "Come on, then what should be done now? There are very big leaders
in RSS." He told the Congress that if you have done a scam then you have
to tell it. The Congress said that it is okay that we tell the Congress that
the AAP scam in the 2014 elections is our government at the Center. We have
created the Chief Election Commission. It took part in this conspiracy last
time and when it participated in the previous conspiracy Had it taken, it would
still take part in the conspiracy and the second thing is that the Indian
Administrative Service has 80% Brahmins and upper caste castes in it. There is
our government at the center, so we will get the administrative officials to do
this work. We have spoken to the judiciary and have also told the media people
that no news of this should be published, so we are ready to help you all over
the country, hence the 2014 election You win by scam. *
* RSS told Congress that AAP has said that it won scam in
2004 and 2009 Lok Sabha elections twice and you are asking us to scam once *
So that's true
Is not. Congress asked RSS what do you have to say? RSS
people are very consumptive. They told the Congress that you know very well
what we want to say? The Congress said, well, you have said that we have scam
twice, then you should also be given the opportunity to scam twice. . RSS said
that we are already saying that you are sensible people, you are senior people
than us, Congress was formed in 1885 and RSS was formed in 1925, you are senior
to us, you are smarter people if you have twice
If you have scam, then we have also been allowed to scam
twice
Go This matter was negotiated with the Congress and the RSS
and it was decided after the deal was struck.
Context- Democracy's killer EVMs
Page number 14 -18
Writer-Vaman Meshram
(National President BAMCEF)
Publisher-Moolivasi Publication Trust
Thank you Google