देश विनाशक प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत
आत्मनिर्भर भारत में नहीं होगा बच्चों का बोर्ड एग्जाम : नरेन्द्र मोदी
♦ नई शिक्षा नीति का पहला अध्याय : कक्षा 5वीं तक नहीं पढ़ाई जायेगी अंग्रेजी
♦ नई शिक्षा नीति का दूसरा अध्याय : आत्मनिर्भर भारत में नहीं होगी बोर्ड की परीक्षा
कांग्रेस और बीजेपी किस तरह से शिक्षा का सत्यानाश कर रही हैं, इसका और सबूत नई शिक्षा नीति के नाम पर देखने को मिला है. कुल मिलाकर शिक्षा का सत्यानाश में करनें में कांग्रेस और बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. जब-जब कांग्रेस को मौका मिला तब-तब कांग्रेस ने शिक्षा का सत्यानाश किया और अब बीजेपी को मौका मिला है इसलिए बीजेपी शिक्षा का सत्यानाश बड़े पैमाने पर कर रही है. मालूम हो कि 2009 में कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल में आखिरी बार बोर्ड की परीक्षा करवाई थी. उसके बाद साल 2010 में कक्षा पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त कर दी थी. इन कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को औसत अंक देकर पास कर दिया जाता था. अब उसी रास्ते में बीजेपी सरकार चल रही है. अब 2020 में केन्द्र की संघ संचालित मोदी सरकार बोर्ड की परीक्षाओं को खत्म करने की पूरी तैयारी कर चुकी है. आने वाले समय में नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परीक्षाओं को खत्म कर दिया जायेगा. यह बात कोई और नहीं, बल्कि देश विनाशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति और उसके प्रभाव पर आयोजित सम्मेलन में कही है.
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति और उसके प्रभाव पर आयोजित सम्मेलन में कहा कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ पढ़ाई के तौर तरीकों में बदलाव के लिए ही नहीं है, ये 21वीं सदी के
भारत के सामाजिक और आर्थिक पक्ष को नई दिशा देने वाली है. ये आत्मनिर्भर भारत के
संकल्प और सामर्थ्य को आकार देने वाली है. नयी शिक्षा नीति देश के युवाओं को
भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक शिक्षा और स्किल्स दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को सशक्त करना है.
साथ ही उन्हें बोर्ड एग्जाम और बैग के बोझ से मुक्त किया जायेगा. ऐसा करने के लिए
सरकार ने शिक्षा नीति में मजबूती से काम किया है. असल में नई शिक्षा नीति के नाम
पर देश की जनता को गुमराह करने के लिए उक्त बातें कही जा रही है.
मजेदार बात
देखिए कि पीएम मोदी ने कहा कि यह शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है, ये देश की शिक्षा नीति है. अगर इस बात का पूर्ण रूप से विश्लेषण करें तो
पता चलेगा कि देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे और युवाओं के भविष्य को चौपट
बनाने के लिए खुद मोदी सरकार अपने आपको जिम्मेदार नहीं ठहरा रही है, बल्कि मोदी सरकार द्वारा किए बर्बादी का ठिकरा देश
यानी देश की जनता के सिर पर फोड़ रही है. इस सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा
मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति
और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सक्षम एवं
सुदृढ़ शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा.
बता दें कि
नई शिक्षा नीति के नाम पर पहले ही सरकार कक्षा 5वीं तक अंग्रेजी पढ़ाने पर रोक लगा चुकी है और अब बोर्ड की परीक्षा खत्म कर
उनके मेरिट को ही खत्म कर रही है. सरकार के इस फैसले का मूलनिवासी बहुजन समाज के
बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर इतना बुरा असर होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा
सकती है. क्योंकि, सरकारी स्कूलों में सबसे ज्यादा
एससी, एसटी, ओबीसी एवं मायनॉरिटी के बच्चे पढ़ते हैं. इसलिए सरकार
इन स्कूलों में पढ़ने वाले बहुजन समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित
कर रही है. जबकि, कक्षा 5वीं तक शिक्षा को शिक्षा का नींव माना जाता है. इसका
मतलब है कि मोदी सरकार कक्षा 5वीं तक
अंग्रेजी शिक्षा पर रोक लगाकर उनकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव को ही कमजोर बना
रही है. वहीं शासक जातियों के बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं जहां
एलकेजी से ही अंग्रेजी पढ़ाई जाती है.
इसके अलावा
इस नई शिक्षा नीति के सबसे ज्यादा निजी स्कूल और कॉलेजों को महत्व दिया जायेगा. इन
स्कूल-कॉलेजों में 100 प्रतिशत पाठ्यक्रम पढ़ाया जायेगा और
इसकी फीस भी महंगी कर दी जायेगी जिससे मूलनिवासी बहुजन समाज के बच्चे उच्च शिक्षा
से दूर हो जायेंगे. इसका मतलब साफ है कि मोदी सरकार मूलनिवासी बहुजन समाज के
बच्चों को प्रारंभिक और उच्च शिक्षा यानी दोनों तरफ से दूर करने की खतरनाक साजिश
कर रही है. @Nayak1
Destroyer Prime Minister launches self-reliant India
Children's board exam will not be done in self-reliant India: Narendra Modi
♦ First chapter of new education policy: English will not be taught till class 5th
♦ Second chapter of new education
policy: Board examination will not be done in self-reliant India
The way
in which the Congress and BJP are destroying education, further evidence has
been found in the name of new education policy. Overall, the Congress and BJP
have left no stone unturned in annihilating education. Whenever the Congress
got a chance, then the Congress annihilated education and now the BJP has got
an opportunity, so the BJP is annihilating education in a big way. It is to be
known that in 2009, the last time the Congress government underwent a board
examination. After that, in the year 2010, the board exams of classes fifth and
eighth were finished. The children who failed in these classes were passed by
giving average marks. Now the BJP government is running in the same way. Now in
2020, the Union-run Modi government of the Center has made full preparations to
finish the board examinations. In the coming time, the board examinations will
be abolished under the new education policy. No one else but the nation's
destroyer Prime Minister Narendra Modi has said this at a conference organized
on the new education policy and its impact.
Prime
Minister Narendra Modi said in the conference organized on the new education
policy and its impact that the National Education Policy is not just for
changing the way of education, it is going to give a new direction to the
social and economic aspect of 21st century India. It is shaping the resolve and
strength of self-reliant India. The new education policy will prepare the youth
of the country on both the education and skills fronts according to the future
requirements. PM Modi said that the aim of the new education policy is to
empower the students. Also, they will be freed from the burden of board exam
and bag. To do this, the government has worked strongly in education policy.
Actually, in the name of new education policy, the above things are being said
to mislead the people of the country.
Look at
the funny thing that PM Modi said that this education policy is not the
education policy of the government, it is the education policy of the country.
If you analyze this in full, then you will find that the Modi government is not
blaming itself for making the future of children and youth, who are called the
future of the country, but rather the ruin of ruin by the Modi government. The
people of the country are bursting at the head. Education ministers of all
states, vice chancellors of state universities and other senior officials were
also present in this conference. Will create competent and strong educational
ecosystem in the direction of creating self-reliant India.
Explain
that in the name of the new education policy, the government has already
stopped teaching English till class 5th and is now finishing their merit by
finishing the board examination. This decision of the government will have such
a bad effect on the quality education of the children of the indigenous Bahujan
society, which cannot be imagined. Because, SC, ST, OBC and Minority children
study the most in government schools. Therefore, the government is denying
quality education to the children of Bahujan society studying in these schools.
Whereas, education up to class 5th is considered as the foundation of education.
This means that the Modi government is weakening the foundation of their
quality education by banning English education till class 5th. At the same
time, children of ruling castes study in English medium schools, where English
is taught only from LKG.
Apart
from this, importance of private schools and colleges will be given to this new
education policy. 100 per cent syllabus will be taught in these schools and
colleges and its fees will also be made expensive so that children of
indigenous Bahujan Samaj will get away from higher education. This means that
the Modi government is making a dangerous conspiracy to remove the children of
the indigenous Bahujan Samaj from both primary and higher education. @ Nayak1
Thank You Google