भारत में कोरोना से ज्यादा घातक अन्य बीमारियाँ
वायु प्रदूषण संबंधी बीमारियों के कारण देश में 16.7
लाख लोगों की मौत : अध्ययन
♦ भारत में
वायु प्रदूषण से 2019 में 1.16 लाख बच्चों की मौत
♦ वायु
प्रदूषण से हर साल 88 लाख लोगों
की मौत
♦ हर साल
कैंसर से 7 लाख 84 हजार लोगों की मौत
गूगल से ली गई छायाचित्र
यह बात कई बार साबित हो चुकी है कि
कोरोना से ज्यादा खतरनाक टीबी, कैंसर, वायु प्रदूषण सहित अन्य बीमारियाँ हैं
जिसमें लाखों लोगों की हर साल जान चली जाती है. लेकिन उरोक्त बीमारियों को लेकर
सरकार कभी भी गंभीर नहीं रही और न ही गोदी मीडिया में इन मुद्दों पर कभी बहस हुई.
कोरोना को लेकर जिस तरह से गोदी मीडिया हो हल्ला मचा रही है अगर उस तरह से अन्य
घातक बीमारियों को लेकर हो हल्ला मचाती तो देश की जनता को पता चल जाता कि जितना
कोरोना खतरनाक है उससे कही कई ज्यादा गुना खतरनाक अन्य बीमारियाँ हैं. इस बात का
अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक अध्ययन के अनुसार, भारत में केवल 2019 में वायु प्रदूषण से 16.7 लाख लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक लाख से अधिक की उम्र एक
महीने से कम थी. अमेरिका के एक गैर सरकारी संगठन की तरफ से कराए गए अध्ययन में यह
जानकारी सामने आई है. अगर भारत में कोरोना से होने वाली मौत की बात करें तो मीडिया
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में
अब तक यानी लगभग 8 महीने में
कोरोना वायरस 114610 लोगों की
मौत हुई है. पूरी दुनिया में वायरस से होने वाली मौतों का केवल 10 फीसदी हिस्सा भारत में है. यहां कोरोना
वायरस से होने वाली मृत्यु दर दो प्रतिशत से नीचे है जो दुनिया में सबसे कम है.
स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 के मुताबिक, बुधवार को हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट
(एचईआई) ने वायु प्रदूषण का दुनिया पर असर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की जिसमें
बताया गया कि भारत में स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण है. हेल्थ इफेक्ट
इंस्टिट्यूट की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, बाहर और घर के अंदर लंबे समय तक वायु
प्रदूषण के कारण स्ट्रोक, दिल का
दौरा, डायबिटीज, फेफड़ों के कैंसर और जन्म के समय होने
वाली बीमारियों आदि की चपेट में आकर साल 2019 में भारत में 16,67,000 लोगों की मौत हुई. रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण की वजह से साल 2019 में कुल 4,76,000 नवजात शिशुओं की मौत में से 1,16,000 मौतें भारत में हुईं.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बाहरी एवं घर के अंदर पार्टिकुलेट मैटर
प्रदूषण के कारण 2019 में
नवजातों की पहले ही महीने में मौत की संख्या एक लाख 16 हजार से अधिक थी. इन मौतों में से आधे
से अधिक बाहरी वातावरण के पीएम 2.5 से जुड़ी
हुई हैं और अन्य खाना बनाने में कोयला, लकड़ी और गोबर के इस्तेमाल के कारण होने
वाले प्रदूषण से जुड़ी हुई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वायु प्रदूषण और
हृदय एवं फेफड़ा रोग के बीच संबंध होने का स्पष्ट साक्ष्य है. एचईआई के अध्यक्ष डैन
ग्रीनबाम ने कहा कि किसी नवजात का स्वास्थ्य किसी भी समाज के भविष्य के लिए
महत्वपूर्ण होता है और इन नए साक्ष्यों से दक्षिण एशिया और अफ्रीका में नवजातों को
होने वाले अधिक खतरा का पता चलता है.
‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर’ में प्रकाशित नए
विश्लेषण में अनुमान जताया गया है कि नवजातों में 21 फीसदी मौत का कारण घर एवं आसपास का
वायु प्रदूषण है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण अब मौत के लिए सबसे
बड़ा खतरा वाला कारक बन गया है. इसके मुताबिक भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल सहित दक्षिण एशियाई
देश उन शीर्ष 10 राष्ट्रों
में शामिल हैं, जहां 2019 में पीएम 2.5 का स्तर सर्वाधिक रहा है. रिपोर्ट में
कहा गया है, इन सभी
देशों में 2010 से 2019 के बीच घर के बाहर पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर महसूस किया गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 के बाद से
करीब पांच करोड़ लोग घर के अंदर वायु प्रदूषण से पीड़ित हुए हैं. @Nayak
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Other diseases more deadly than corona in India
16.7 lakh people died in the country due to air pollution related
diseases: study
♦ Air pollution in India killed 1.16 lakh children in 2019
♦ 88 million people die every year from air pollution
♦ 7 lakh 84 thousand people die of cancer every year
Photograph
taken from Google
It has been proved many times that TB is more dangerous than corona, cancer, air pollution and other diseases in which millions of people die every year. But the government has never been serious about the aforementioned diseases, nor have these issues ever been debated in the dock media. The way the media is making a ruckus about the corona, if there is a ruckus about other deadly diseases in that way, then the people of the country would know that there are many times more dangerous diseases than the corona is dangerous. This can be gauged from the fact that according to a study, 16.7 lakh people died due to air pollution in India only in 2019, out of which more than one lakh were under the age of one month. This information has been revealed in a study conducted by a US-based NGO. If we talk about the death due to corona in India, according to the media report, 114610 people have died in India in the corona virus so far in about 8 months. India accounts for only 10% of all deaths due to the virus worldwide. Here the death rate due to corona virus is below two percent, which is the lowest in the world.
According to the State of Global Air 2020, the Health Effects Institute
(HEI) on Wednesday released a report on the impact of air pollution on the
world, stating that air pollution is the biggest health threat in India.
According to the report released by the Health Effect Institute, India is in
the year 2019 due to prolonged air pollution outside and indoors due to stroke,
heart attack, diabetes, lung cancer and birth diseases etc. In 2016, 16,67,000
people died. According to the report, 1,16,000 deaths occurred in India out of
a total of 4,76,000 newborn deaths in 2019 due to air pollution.
The
report says, 'Due to outdoor and indoor particulate matter pollution, the
number of deaths of newborns in the first month in 2019 was more than one lakh
16 thousand. More than half of these deaths are linked to PM 2.5 of the
external environment and other pollution is caused by the use of coal, wood and
cow dung in cooking. The report also said that there is clear evidence of a
connection between air pollution and heart and lung disease. HEI President Dan
Greenbaum said that the health of a newborn is important for the future of any
society, and these new evidences suggest a greater threat to newborns in South
Asia and Africa.
In a
new analysis published in the State of Global Air, it has been estimated that
21 percent of deaths in newborns are due to air pollution in the home and
surroundings. It has been reported in the report that air pollution has now
become the biggest risk factor for death. According to this, South Asian
countries including India, Bangladesh, Pakistan and Nepal are among the top 10
nations, where the level of PM 2.5 is the highest in 2019. In all these
countries, the report said, an increased level of PM 2.5 was felt outside the
home between 2010 and 2019. The report said that since 2010, about five crore
people have suffered from indoor air pollution. @Nayak 1