ओबीसी आरक्षण : मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी ओबीसी कोटे की मांग खारिज
केंद्र की दलील : चालू शैक्षणिक सत्र में 50 फीसद कोटा लागू करना व्यावहारिक नहीं
तमिलनाडु में नीट काउंसलिंग में 50 फीसदी ओबीसी कोटा की मांग वाली याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. एआईडीएमके ने मेडिकल एडमिशन 2020-21 के लिए ओबीसी का पचास फीसदी आरक्षण
कोटा लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष के लिए स्नातक, परास्नातक और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों
में अखिल भारतीय कोटा में राज्य की मेडिकल सीटों पर तमिलनाडु में 50 प्रतिशत कोटा व्ठब् को देने की अंतरिम
प्रार्थना को खारिज कर दिया.
जस्टिस एल नागेश्वर राव, हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की खंडपीठ
ने मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए 50 फीसदी
कोटा लागू करने की दलीलों वाली अंतरिम प्रार्थना को खारिज कर दिया. तमिलनाडु सरकार
और एआईएडीएमके ने 27 जुलाई को
मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) की
मेडिकल सीटों के तहत गैर केंद्रीय संस्थानों में ओबीसी आरक्षण के लिए डेक को
क्लियर किया गया था. केंद्र को प्रतिशत निर्धारण के लिए तीन माह का समय दिया गया
था.
राज्य सरकार और सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक
पार्टी ने अपने सीमित बिंदु में यह कहते हुए राहत मांगी थी कि उच्च न्यायालय ने यह
निर्दिष्ट नहीं किया था कि चालू शैक्षणिक वर्ष में ही ओबीसी कोटा लागू किया जाना
चाहिए. केंद्र ने तर्क दिया कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में 50 प्रतिशत कोटा लागू करना व्यावहारिक रूप
से संभव नहीं होगा.
बता दें कि 13 जुलाई को शीर्ष अदालत ने मद्रास हाई
कोर्ट को तमिलनाडु सरकार सहित उन सभी याचिकाओं पर फैसला करने को कहा जो केंद्र
द्वारा राज्य की मेडिकल सीटों में 50 फीसदी आरक्षण नहीं देने के खिलाफ दायर
की गई थी. यह मांग 2020-21 सेशन की
स्नातक और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए थी. राज्य सरकार ने 2 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते
हुए आग्रह किया था कि वे हाई कोर्ट को फैसला देने के लिए निर्देशित करे. राज्य
सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने तमिलनाडु के कानून के अनुसार ओबीसी को 50 प्रतिशत आरक्षण नहीं देने के केंद्र
सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. @Nayak 1
OBC reservation: 50% OBC quota demand in medical colleges rejected
Center argues: Implementing 50% quota in current academic session is not
practical
Photograph taken from
Google
A division bench of Justices L Nageswara Rao, Hemant Gupta and Ajay
Rastogi rejected the interim pleas seeking to implement 50 per cent quota for
the current academic year. The Tamil Nadu government and the AIADMK on July 27
challenged the Madras High Court order clearing the decks for OBC reservation
in non-central institutions under the All India Quota (AIQ) medical seats. The
center was given three months to determine the percentage.
The state government and the ruling AIADMK party had sought relief in
their limited point stating that the High Court did not specify that the OBC
quota should be implemented in the current academic year itself. The Center
argued that it would not be practically possible to implement 50 percent quota
in the current academic year.
Let us tell you that on 13 July, the apex court asked the Madras High
Court to decide on all the petitions, including the Tamil Nadu government,
which were filed by the Center against not giving 50 per cent reservation in
the state's medical seats. This demand was for admission to the graduate and
dental colleges of 2020-21 session. The state government, while moving to the
Supreme Court on July 2, had requested that they direct the High Court to give
its verdict. The state government and various political parties challenged the
central government's decision not to give 50 percent reservation to OBCs as per
Tamil Nadu law. @Nayak 1
Thank you google