वायु प्रदूषण पर एक और खुलासा
कोरोना काल में वायु प्रदूषण से 8 प्रतिशत बढ़ा मौत का
आंकड़ा : हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय
गूगल से ली गई छायाचित्र
अभी हाल ही में जारी
हुई वायु प्रदूषण पर एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया था. उसमें दावा किया गया था कि
भारत में केवल वायु प्रदूषण से वर्ष 2019 में
तकरीबन 16
लाख से ज्यादा लोगों
की मौत हो चुकी है. इसे अभी सप्ताह भी नहीं हुआ कि अब एक और दावे ने हैरान कर दिया
है. दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा जानलेवा
साबित हो रहा है. यह दावा कोई और नहीं, बल्कि हॉर्वर्ड
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है. वैज्ञानिकों ने पाया कि दूषित हवा वाले
इलाकों में रहने वाले
कोविड-19
के मरीजों की मौत होने
की संभावना ज्यादा रहती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वायु प्रदूषण कोरोना
महामारी से होने वाली मौतों के मामले में एक प्रमुख कारक है.
हॉर्वर्ड टीएच चैन
स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने अमेरिका में एक राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन किया है जो कि
कोरोना महामारी और वायु प्रदूषण के बीच संबंध स्थापित करता है. शोध में बताया गया
कि हवा में मौजूद जहरीले कणों के लंबे वक्त तक संपर्क में रहने वाले लोग अगर
कोविड-19 की चपेट में आ जाएं, तो उनमें मौत का खतरा बढ़ जाता है. पीएम 2.5 स्तर के कण हवा तक
पहुंचने के सबसे बड़े स्त्रोत कार, रिफाइनरी, पावर प्लांट हैं.
तीन हजार
अमेरिकी काउंटी पर अध्ययन
यह अध्ययन करने के लिए शोधकर्ताओं ने
अमेरिका की तीन हजार से ज्यादा काउंटी में संक्रमण से हुई मौतों और वहां वायु
प्रदूषण के स्तर की तुलना की. इन सभी काउंटी में जनसंख्या के मुकाबले अस्पतालों
में उपलब्ध बिस्तर की संख्या, संक्रमण
के कुल मामले, मौसम की
स्थिति और सामाजिक व व्यावहारिक कारक जैसे मोटापा और धूम्रपान की आदतों को जोड़कर
अध्ययन किया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि पीएम 2.5 के जितने ज्यादा संपर्क में कोई
व्यक्ति आएगा, उसके
संक्रमित होने पर मौत का खतरा करीब आठ फीसदी ज्यादा बढ़ जाएगा.
हृदयरोग का जोखिम बढ़ा देती है जहरीली
हवा
हार्वर्ड चैन स्कूल में जनसंख्या और
डेटा साइंस विशेषज्ञ फ्रांसेसा डोमिनिकी का कहना है कि जिन काउंटी में ज्यादा
प्रदूषण होगा, वहां
अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या ज्यादा होगी. इसके साथ ही मरने वालों की
संख्या भी अधिक होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि हवा में पीएम 2.5 कणों का स्तर लोगों में हृदय और श्वसन
रोगों का जोखिम बढ़ाता है. यह बात पहले से ज्ञात है कि हृदय और श्वसन रोगियों के
लिए कोरोना वायरस जानलेवा साबित होता है.,
यूरोप में प्रदूषण बढ़ा रहा महामारी
यूरोपीय संघ की ओर से कराए गए एक
अध्ययन में सामने आया है कि
लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील मिलने के
साथ ही कई बड़े शहरों में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड का स्तर तेजी से बढ़ा है. शरीर के
लिए हानिकारक यह गैस वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों के कारण हवा में शामिल होती है
और उसकी गुणवत्ता को खराब करती है.@Nayak 1
Another
disclosure on air pollution
Death
rate increased by 8 percent due to air pollution in the Corona period: Harvard
University
Photograph taken from
Google
A report on the recently released air pollution had
shocked everyone. It claimed that only air pollution in India in the year 2019
More than 1.6 million people have died. It is not
even a week now that another claim has surprised. It has been claimed that
corona infection due to air pollution is proving more deadly. No one else has
made this claim, but scientists at Harvard University. Scientists found that
living in areas with contaminated air
Kovid-19
patients are more likely to die. According to scientists, air pollution is a
major factor in the deaths from corona epidemics.
The Harvard TH Chain School of Public Health has
conducted a national-level study in the US that establishes the relationship
between the corona epidemic and air pollution. Research has shown that people
who are exposed to long-term exposure to toxic particles in the air, if they
are exposed to Kovid-19, then the risk of death increases in them. The biggest
sources of PM2.5 particles reaching the air are cars, refineries, power plants.
Study
on three thousand American counties
To do this study, researchers compared infection
deaths and air pollution levels in more than three thousand counties of
America. In all these counties, the number of beds available in hospitals,
total cases of infection, weather conditions and social and behavioral factors
such as obesity and smoking habits were studied in comparison to the
population. Scientists found that the more exposure a person gets to PM 2.5,
the risk of death will increase by about eight per cent if he gets infected.
Poisonous
air increases the risk of heart disease
Francesa Dominici, population and data science
specialist at Harvard Chain School, says that counties that have more pollution
will have more hospitalizations. With this, the death toll will also be high.
This is because the level of PM2.5 particles in the air increases the risk of
heart and respiratory diseases in people. It is already known that corona virus
proves fatal for heart and respiratory patients.
Pollution
is increasing in Europe
A study conducted by the European Union has
revealed that
With the relaxation of the lockdown restrictions,
nitrogen dioxide levels have increased rapidly in many big cities. This gas
harmful to the body gets incorporated into the air due to vehicles and
industrial activities and deteriorates its quality.
@ Nayak 1
Thank you google