ब्राह्मण हिंदू नहीं है| अरब और मुगलों ने बौद्धों को "हिंदू" कहा था|

0

 




ब्राह्मण हिंदू नहीं है| अरब और मुगलों ने बौद्धों को "हिंदू" कहा था|


हिंदू यह शब्द पर्शियन भाषा में गाली होने के कारण ब्राह्मण लोग खुद को हिंदू नहीं कहते थे| औरंगजेब के समय जब बादशाह औरंगजेब ने हिंदुओं पर जिझिया टैक्स लगाया था, तब ब्राम्हणों ने औरंगजेब को बताया की हम हिंदू नहीं है बल्कि ब्राह्मण है और इसलिए हम ब्राह्मण जिझिया टैक्स नहीं देंगे| स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी किताब सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि, हिंदू यह मुगलों ने दी हुई गाली है| इसलिए, स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने धार्मिक अभियान को हिंदू समाज कहने की बजाए आर्य समाज कहा था| ब्रिटिश कालीन जनगणना में भी ब्राह्मण खुद को हिंदू नहीं बल्कि ब्राह्मण ही बताते थे| इससे स्पष्ट हो जाता है कि, ब्राह्मण हिंदू नहीं है| 


फिर हिन्दू कौन है? मुगलों ने किन लोगों को हिंदू कहा था? जब सन 711 में मुहब्बद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने सिंध पर हमला किया था, तब सिंध में बौद्ध लोग थे| अरबों ने बौद्धों को पहले अहल ए किताब और "धिम्मी" कहना शुरू कर दिया था| बाद में, बौद्धों की स्थिति बदतर होती गयी| सिंध के जाट बौद्ध थे, इसलिए उनपर अनेक प्रतिबंध लगाए गए, उन्हें उंचे कपड़े पहनने की और घोड़े पर बैठने की मनाई की गई और पहचान के लिए साथ में कुत्ता रखना अनिवार्य किया गया| यह सब जानकारी चचनामा ग्रंथ में लिखित है| इस तरह, सिंध में बौद्धों का पतन होकर उन्हें "हिन" अर्थात "पतित" बनाया गया, जिससे उन्हें "पतित लोग" अर्थात "हिंदू" कहा जाने लगा| (Chachnamah, Maclean, 1989, p. 39) 


इससे पता चलता है कि, अरबों और मुगलों ने ब्राम्हणों को नहीं बल्कि बौद्धों को "धिम्मी" और "हिंदू" कहा था| इसलिए ब्राह्मण भी खुद को हिंदू नहीं मानते थे| मुगल काल में बौद्ध धर्म का पुर्णतः पतन किया गया और ब्राह्मणेतर बौद्धों को "हिंदू" कहा जाने लगा था|


जय मूलनिवासी 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top