नारंगीसमूह नागपुर को छोड़ने और उसका विकल्प तलाशने लग गया

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185 ईसा पूर्व में पुष्यमित्र शुंग ने बौद्ध सम्राट बृहद्रथ की धोखे से हत्या करके जब पाटलिपुत्र की राजगद्दी पर कब्जा जमाया तो वहां की बौद्ध जनता ने पुष्यमित्र शुंग का भारी विरोध किया और गद्दी पर उसे जमने ही नही दिया! परिणामः पुष्यमित्र को वहां से भागना पड़ा! वो भागता हुआ वाराणसी होते हुए साकेत आया और साकेत के आसपास की सुरक्षित जगह (अ)योध्या (जहां कभी युद्ध नही हुआ हो) को अपनी राजधानी बनाया!
अब मुद्दे की बात:
खबर है कि 06अक्तूबर2022 को जब नारंगियों के हेड क्वार्टर नागपुर को देश की लाखों मूलनिवासी जनता ने घेर लिया था तो तभी से करोड़ो लोगों की निगाह उस तरफ लग गई है!! उसके बाद से ही आशंकित नारंगीसमूह नागपुर को छोड़ने और उसका विकल्प तलाशने लग गया था! उसी कड़ी में इधर खबर आई कि अब नारंगिसमूह भी साकेत के इर्दगिर्द ही अपनी नवीन शरणस्थली(हेड क्वार्टर बनाने जा रहे हैं!
है न इंट्रेस्टेड मामला!!

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