भारत में पहले कलर प्रिंटिंग प्रेस कलेंडर छापने के लिए लाए गए। लाखों कलेंडर के जरिए रवि वर्मा (29 अप्रैल 1848 – 2 अक्टूबर 1906) के बनाए देवताओं और देवियों के छापे हुए चित्र घर घर तक पहुँचे।
देवी देवता कैसे दिखते हैं ये रवि वर्मा ने तय किया। देवियाँ उन्होंने अपनी प्रेमिका की शक्ल की बनाई। मॉडलिंग के लिए वही उपलब्ध थीं। वे करते भी तो क्या करते?
उससे पहले पत्थर की मूर्तियाँ और हाथ से बनाए गए चित्र थे। एकरूपता नहीं थी। पूरे देश में अलग अलग। पुराने मंदिरों में मूर्तियाँ देखिए। सब जगह अलग अलग।
रवि वर्मा ने उनकी शक्ल में एकरूपता ला दी। कृष्ण और विष्णु को उन्होंने नीला बनाया। सांवला कृष्ण पब्लिक स्वीकार न कर पाती। रवि वर्मा ने जैसा सोचा, देवता अब वैसे ही दिखते और बनाए जाते हैं। टीवी ने इसे फ़ॉलो किया।