*एक कदम गीता ग्रन्थ की ओर-
पिता 😡: ओ बेवकूफ़।
मैंने तुमको *गीता* दी थी पढ़ने के लिए क्या तुमने *गीता* पढ़ी?
कुछ। *दिमाग* मे घुसा?
पुत्र ☺: हाँ *पिताजी* पढ़ ली।
और अब आप --
*मरने के लिए* तैयार हो जाओ (कनपटी पर तमंचा🔫रख देता है) ।
पिता 😳: *बेटा* ये क्या कर रहे हो ? *मैं तुम्हारा बाप* हूँ ।
पुत्र 😉: *पिताजी,* ना कोई किसी का *बाप* है और ना कोई किसी का *बेटा* । ऐसा *गीता* में लिखा है ।
पिता 😖: *बेटा मैं मर जाऊंगा-*
पुत्र 😚: *पिताजी शरीर मरता है*
*आत्मा कभी नही मरती!*
*आत्मा अजर है, अमर है*
पिता 😖: *बेटा मजाक मत करो गोली चल जाएगी और मुझको दर्द से तड़पाकर मार देगी ।*
पुत्र 😗: *क्यों व्यर्थ चिंता करते हो ? किससे तुम डरते हो ।*
गीता में लिखा है-
*नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि,*
*नैनं दहति पावकः*
*आत्मा को ना पानी भिगो सकता है और ना ही तलवार काट सकती, ना ही आग जला सकती*
किसलिए डरते हो तुम ।
पिता 😓: *बेटा! अपने भाई बहनों के बारे में तो सोच, अपनी माता के बारे में भी सोच ।*
पुत्र 😍: *इस दुनिया में कोई किसी का नही होता*
*संसार के सारे रिश्ते स्वार्थों पर टिके है ।*
*ये भी गीता में ही लिखा है ।*
पिता 😨: *बेटा मुझको मारने से तुझे क्या मिलेगा ?*
बेटा 😌: *अगर इस धर्मयुद्ध में आप मारे गए तो आपको स्वर्ग प्राप्ति होगी ।*
*मुझको आपकी संपत्ति प्राप्त होगी*
पिता 😲: *बेटा ऐसा जुर्म मत कर ।*
पुत्र 😎: *पिताजी आप चिंता ना करें।*
*जिस प्रकार आत्मा पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है, उसी प्रकार आप भी पुराने जर्जर शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करने की तयारी करें ।*
*अलविदा ।*
Moral - *समझाने की क्या जरूरत, आप खुद समझ गए होंगे* 🙂.
*अंधविश्वास पाखण्ड मिटाओ*
*शिक्षा,ज्ञान को अपनाओ*