मैंने #ट्रेन के दरवाजे के पीछे लिखे नंबर पर कॉल लगाया,,,"आप #रेनू जी बोल रहीं है"
डरी ओर सहमी सी आवाज में रिप्लाई आया "जी हां, लेकिन आप कौन ओर आपको मेरा ये नंबर कहा से मिला"
"दरअसल वो ट्रेन,,,, दरअसल वो ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आपका नंबर आपके नाम से लिख रखा है, शायद आपका कोई अच्छा दुश्मन या फिर कोई बुरा दोस्त होगा, जो भी हो, मुझे आपसे ये कहना था कि हो सके तो ये नंबर चेंज करवा लीजिये या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ तैयार रहिये, वैसे अब तक जितने कॉल्स आ गए, आ गए,,,,आज के बाद किसी का नही आएगा क्योंकि ये नंबर मैं डिलीट कर चुका हूं।
रेनू जी अब मैं फ़ोन रखता हूं अपना ख्याल रखियेगा।"
तब उसने मुझे बोला कि नए नए अनजाने नंबर और उनपे #गंदे ओर भद्दे बातो की वजह से मैं बहुत परेशान थी,,आप जो भी हो आपने मेरी बहुत बड़ी #हेल्प की है क्योंकि मुझे तो समझ ही नही आ रहा था कि ऐसे कॉल क्यों आ रहे है।
तभी से मुझे एक ओर दिशा मिली और मैं सार्वजनिक स्थानो पे लिखे ऐसे नंबर को मिटाने में लग गया हूं, ताकि किसी ना किसी को तो बचाया जा सके।
माना कि हम किसी #बुराई की वजह नही है पर किसी अच्छाई की वजह तो बन ही सकते है।मेरा आप सभी से निवेदन है कि अगर आप कही भी इस तरह के #नंबर और नाम देखे तो तुरंत मिटा दे ताकि एक अनजान खतरों से किसी की #बहन बेटियो की हेल्प कर सके आप।
एक अकेले के साथ अगर #लाखो का साथ मिल जाएगा तो स्थिती जल्दी बदलने लगेगी।
(साभार)
जय मूलनिवासी