मेरे दाढ़ी में जितने बाल है उतने बहुजनों के बच्चों को शिक्षित करके उन्हे जब तक ब्राह्मणों के छाति पर चढ़ाकर नचवाता नहीं, तब तक मैं पैरो में चप्पल नहीं पहनूँगा.

0 minute read
0
मेरे दाढ़ी में जितने बाल है उतने बहुजनों के बच्चों को शिक्षित करके उन्हे जब तक ब्राह्मणों के छाति पर चढ़ाकर नचवाता नहीं, तब तक मैं पैरो में चप्पल नहीं पहनूँगा.

रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक कर्मवीर भाऊराव पाटील जी के 136 वें जन्म जयन्ती के अवसर पर विनम्र अभिवादन एवं सभी मूलनिवासी बहुजनों को हार्दिक बधाईयां!
जय मूलनिवासी 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top