नरेंद्र मोदी के जीवन की सबसे बड़ी असफलता!
भारतीय क्राइम इतिहास के तीन सबसे जघन्य और बहुचर्चित अपराधों तंदूर कांड, जेसिका लाल हत्याकांड और मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में कोर्ट ने अपराधियों को उम्र क़ैद की सजा दी।घोषित अपराधियों के नाम सुशील शर्मा, मनु शर्मा और अमरमणि त्रिपाठी हैं।
तीनों अपराधी अब बाहर हैं और बाहर रहेंगे। इनकी उम्र क़ैद उम्र रहते पूरी हो गई।
नैना साहनी, जेसिका लाल और मधुमिता शुक्ला को न्याय नहीं मिल सका।
भारतीय न्याय प्रणाली में कुछ तो गंभीर ख़ामी है।
इसी समय कई लाख ऐसे अंडर ट्रायल गरीब ऐसे हैं, जो मरने तक जेल में रहेंगे, बिना अपराधी साबित हुए।
पाँच करोड़ केस कोर्ट में पेंडिंग है। सिर्फ इलाहाबाद हाई कोर्ट में 10 लाख केस लटके हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी कम आलस्य और नकारापन नहीं है।
करोड़ों भारतीय कोर्ट जाकर मिडिल क्लास से गरीब बन जाते हैं। कोर्ट एक डरावनी जगह बन चुकी है।
लोग धमकी में कहते हैं - कोर्ट में खींच लूँगा तुमको। बर्बाद कर दूँगा।
@narendramodi के दो बार के कार्यकाल की सबसे बड़ी असफलता ये है कि वे किसी भी तरह का न्यायिक सुधार नहीं कर पाए।
पद पर आने के बाद उनकी पहली कोशिश ही न्यायिक सुधार की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के जजों ने फेल कर दिया।
इस मायने में मोदी एक असफल प्रधानमंत्री साबित हुए।
गोदी मीडिया उसको दिन भर घर घर मोदी
मोदी की लहर ...खाक लहर जहा बेटियां सुरक्षित नहीं ।