अभिलेख के अनुसार युद्ध में हाथियों के मारे जाने से हर्ष हर्षरहित हो गया। पुलकेशिन द्वितीय द्वारा हर्ष की पराजय का उल्लेख हेनसांग के विवरण, हेनसांग की जीवनी एवं यक्करी अभिलेख में भी मिलता है।

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पुलकेशिन द्वितीय का ऐहोल अभिलेख -

संस्कृत भाषा एवं दक्षिणी ब्राह्मी लिपि का पुलकेशिन द्वितीय का ऐहोल अभिलेख बीजापुर जिले के ऐहोल नामक स्थान पर रविकीर्ति द्वारा उत्कीर्ण कराया गया था।

बादामी के प्रसिद्ध शासक पुलकेशिन द्वितीय के सम्बन्ध में विस्तृत एवं व्यवस्थित सूचना देने के कारण यह अभिलेख पुलकेशिन द्वितीय का ऐहोल अभिलेख नाम से प्रसिद्ध है।

ऐहोल अभिलेख के 23वें श्लोक में पुलकेशिन द्वितीय की सर्वाधिक प्रसिद्ध विजय का उल्लेख हुआ है जो उसने सकलोत्तरापथनाथ हर्षवर्धन के ऊपर प्राप्त की थी।

अभिलेख के अनुसार युद्ध में हाथियों के मारे जाने से हर्ष हर्षरहित हो गया। पुलकेशिन द्वितीय द्वारा हर्ष की पराजय का उल्लेख हेनसांग के विवरण, हेनसांग की जीवनी एवं यक्करी अभिलेख में भी मिलता है।

#जय मूलनिवासी

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