बारिश खत्म होने पर सम्राट अशोक ने अश्विन शुक्ल दशमी के दिन से अपना धम्मविजय अभियान शुरू कर दिया था, जिसे सम्राट अशोक का धर्मविजय (Conquest by the Dhamma) कहा जाता है|
सम्राट अशोक ने पहले शस्त्र के बल पर कलिंग महायुद्ध में विरोधियों को परास्त कर शस्त्र विजय (Conquest by the Weapon) हासिल किया था और उसके बाद धम्म की मदद से सम्राट अशोक ने विश्वविजय आरंभ कर दिया था| शस्त्रों के मदद से प्राप्त शस्त्रविजय का उत्सव मनाने के लिए सम्राट अशोक ने पहले लोगों के सामने शस्त्रों की पुजा की और शस्त्र पूजन होने के बाद धम्म विजय अभियान का उद्घाटन किया| सम्राट अशोक की याद में आज भी बहुजन लोग सम्राट अशोक विजयादशमी के दिन पहले शस्त्र पूजन करते हैं और फिर धम्म पूजन करते हैं|
सम्राट अशोक का यह धम्मविजय अभियान अगली बारिश आने तक जारी रहा| सम्राट अशोक ने अपने सभी परिवार, मंत्रियों को और सेना को अपने साथ लेकर संपूर्ण भारत में धम्मयात्रा की और जगह जगह रुककर लोगों को बुद्ध के धम्म का महत्व बताया, प्राचीन बौद्ध स्थलों का विकास किया, प्राचीन बौद्ध स्थलों पर अशोक स्तंभ खडे़ किए बडे बडे विहार बनवाए और अभिलेख लिखकर रखें| संपूर्ण भारत में और दुनिया में बौद्ध धम्म प्रचारक (धम्म महामात्र) भेजकर भारत में और दुनिया में धम्म स्थापित किया| इस तरह, सम्राट अशोक ने धम्म की मदद से धम्म विजय हासिल किया|
सम्राट अशोक से प्रेरित होकर सभी बहुजनों ने कल सम्राट अशोक विजयादशमी के पावन अवसर पर धम्म प्रचारक बनने का प्रण लेना चाहिए और सम्राट अशोक की तरह सालों साल धम्म प्रचार करते हुए धम्म विजय हासिल करना चाहिए|
सम्राट अशोक विजयादशमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ|🏵️🏵️ जय मूलनिवासी ✍️
Jay mulnivasi 🙏🙏
ReplyDeleteJyotish Ambedkar
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