सासु मा बचपन में वामनजी को यही खेत में लाकर सीता पूजा करवाते थे.

1 minute read
0
ससुराल रामगांव रामेश्वर जाने का मोका मिला.
 मेरे मम्मी ने कभी मेरा ससुराल नही देखा था. साहब तो अपने गांव आते जाते जब उनको समय रहेता तब है.नागपुर से पुणे जब जा रहे थे.तब में और मम्मी कब आएंगे ? हमे गांव ले चलो.तो साहब हमे चाय पीने के लिए देवर जी के यहां ले गए. गांव में 9 विधा जमीन है और हमे अपने हिस्से में आया हुआ जमीन का टुकड़ा संगठन को 2015 में दे दिया है.हम जहा खड़े है वहा किसी की पादुकाएं है. किसकी है? नही जानते.सासु मा बचपन में वामनजी को यही खेत में लाकर सीता पूजा करवाते थे.
जय मूलनिवासी 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top