हिन्दू यह गाली है ,हिन्दू यह शब्द रामायण ,महाभारत ,गीता में नहीं है। हिन्दू यह शब्द संस्कृत भाषा का नहीं है ,भारत की किसी भी भाषा का नहीं है।

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हिन्दू यह गाली है ,हिन्दू यह शब्द रामायण ,महाभारत ,गीता में नहीं है। हिन्दू यह शब्द संस्कृत भाषा का नहीं है
 ,भारत की किसी भी भाषा का नहीं है। हिन्दू यह शब्द विदेशी आक्रमणकारी मुगलो ने पराजित लोगो को दी हुयी पहचान है। जो ११ -१२ वि सदी में दी। मगर उस समय विदेशी ब्राम्हणो ने खुद को हिन्दू कहने पर ऐतराज जताया और विदेशी मुगलो को कहा की आप भी विदेशी है और हम आपसे ४ हज़ार साल पुराने विदेशी है इसलिए हम और आप भाई भाई हुए !! ब्राम्हणो ने यहाँ तक अपनी बेटी ,बहुएं तक मुगलो को फ्री में दी !! इसलिए मुगलो के वे रिस्तेदार हुए और ६०० साल से ज्यादा समय रहे मुगलो को भारत से भगाने  के लिए एक भी ब्राम्हण बनिया चले जाव का आंदोलन नहीं किया याने ब्राम्हणो ने मुगलो को भारत में ही रहने दिया। अंग्रेज १५० साल रहे तो उन्हें चले जाव कहा। 
हिन्दू गाली है यह जब हम कहते है तो कुछ ब्राम्हण भक्त प्रमाण मांगते है ,चलो आज दे ही देते है प्रमाण !!ब्रम्ह भी आ जाये तो उसकी भी। ... 
हिन्दू याने चोर ,डाकू ,गुलाम ,काला  और बास्टर्ड यानी नाजायज होता है।

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