मनुस्मृति:- यत्र नार्यंतु पूज्यते रमंते तत्र देवता!मनु के इस श्लोक को दिखाकर ब्राम्हण चौड़ा हो रहे हैं। इसपे रिसर्च किया तब हैरान करने वाली जानकारी मिलीं।

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#मनुस्मृति:-  यत्र नार्यंतु पूज्यते रमंते तत्र देवता!
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मनु के इस श्लोक को दिखाकर ब्राम्हण चौड़ा हो रहे हैं। इसपे रिसर्च किया तब हैरान करने वाली जानकारी मिलीं।
• वेद शास्त्रों के अनुसार ब्राम्हण ही देवता है। केवल देवता नहीं देवताओं का भी देवता है यानि मुक्ति/मोक्ष यानी मौत देने वाला है। आप फोटो में देख सकते है..👇
• इस श्लोक में रमंते शब्द का अर्थ दारू पीकर उत्सव मनाना / आनंद लेना है। सरल भाषा में कहूं तो रमंते शब्द का अर्थ है 👉दारू पीकर अय्याशी करना। बिना लड़की और शराब के अय्याशी नहीं होती।
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मनुस्मृति के इस श्लोक का अर्थ होता है जहा स्त्रियों को आदर सम्मान दिया जाता है! वहा ब्राम्हणदेवता आकर दारू पीते हैं फिर वहां की स्त्रियों के साथ अय्याशी करते हैं! उत्सव मनाते हैं। आनंद लेते हैं।
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• मनुस्मृति में एक और श्लोक है जिसे दिखाकर ब्राम्हण चौड़े होते है = धर्मो रक्षति रक्षितः
इस श्लोक का सीधा अर्थ है मनुस्मृति की रक्षा करोगे तो मनुस्मृति तुम्हारी रक्षा करेगी, और ये श्लोक केवल ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य के लिए है। अगर SC ST OBC मनुस्मृति की रक्षा करेगे तो इनकी मां बहन के साथ रमंते ही होता रहेगा..
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#निष्कर्ष:-हिंदू धर्म का असली नाम ब्राम्हण धर्म है और यह कोई धर्म नही बल्कि स्त्रियों को दास,ओबीसी को शुद्र और SC ST को अछूत बना के अमानवीय अत्याचार करने का षड्यंत्र है। इस षड्यंत्र की स्थापना 2000 साल पहले यामनिया प्रजाति के यूरेशियन आक्रांताओं ने की थी।

#जय_मूलनिवासी ⚔️ ब्राम्हण विदेशी DNA

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