लेकिन आज मैंने एक पुरुष की बुद्धि उसके घुटनों में देखी.......

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मैंने अक्सर #पुरुषो से सुना हैं की महिलाओं की बुद्धि उनके #घुटनों में होती हैं.. लेकिन आज मैंने एक पुरुष की बुद्धि उसके घुटनों में देखी.
मैं #सड़क किनारे खड़ी थी.. बस का इंतजार कर रहीं थी..... तभी देखा एक छोले कुलचे वाला आया और वहां अपनी #दुकान ज़माने लगा.... दुकान ज़माने से पहले उसने वहां #झाड़ू लगाई जो मैं बड़े ध्यान से देख रहीं थी...... वो झाड़ू ऐसे लगा रहा था जैसे झाड़ू ना लगा कर हाथ के पंखे से कूड़ा इधर उधर कर रहा हो.... उसको ना #हवा का ज्ञान था और ना ही #सफाई करने का तरीका पता.... बस कूड़ा इकठ्ठा कर एक side कर रहा था... और वो एक side नहीं बल्कि कई side कर रहा था ..........उसको देख कर मेरे भी मन में तुरंत यही बात आई की इसकी अकल इसके घुटनों में हैं क्या......... हवा के opposite झाड़ू लगा रहा हैं जिससे सारी धूल इसके खुद के उपर और इसकी दुकान पर जा रहीं हैं......इससे हम ये समझते हैं...... की जो लगातार जिस काम को करता हैं वो उसमे #निपुण हो जाता हैं....... और जो काम किसी को कभी कभी करना पड़ता हैं तो उसमे #गलतियां होना नार्मल हैं...... लेकिन पुरुषो ने सीखा ही होता हैं महिलाओं को #निचा दिखाना इसलिए तुरंत बोल देते हैं की दिमाग़ घुटने में हैं............ और महिलाओं को सिखाया जाता हैं चुपचाप बर्दाश करना.... इसलिए वो सुन भी लेती हैं.........#Multitasking में परफेक्ट होना एक #मिथ हैं.............. Perfection किसी एक काम को #लगातार करने से ही आता हैं....... और जो काम लगातार करते हैं उसमे #दिमाग़ बहूत तेजी से काम करता हैं..... और नये #ideas भी आते रहते हैं......... ये मैंने अपने #अनुभव से सीखा हैं की नये काम में दिमाग़ ज्यादा लगाना पड़ता हैं...... गलतियां होना भी जरूरी होता हैं............ क्योंकि #गलतियों से ही आपको किसी काम की बारीकी का पता चलता हैं........... गलतियों से ही आपको नये idea मिलते हैं....... गलतियों से ही आप नई चीजें खोजने में सक्षम होते हो......... और वहीं से आप perfection की ओर बढ़ते हो.......... इसमें किसी के दिमाग़ का किसी के घुटने में होने से कोई लेना देना नहीं होता.............. Perfection का एक process होता हैं जिसे complete करके ही कोई perfect होता हैं................

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