बेरोजगारी के दलदल में देश की युवा पीढ़ी
देश में काबिल युवाओं की कोई कमी नहीं है। भारत को युवाओं का देश कहा जाता है, जहां 65% आबादी 35 साल से कम उम्र की है। फिर भी, बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
बेरोजगारी के चौंकाने वाले आंकड़े
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर सितंबर 2024 में 7.80% से बढ़कर अक्टूबर में 10.10% हो गई।
इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 के अनुसार, 51.25% युवा रोजगार के लायक हैं, लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं।
बेरोजगारी के प्रमुख कारण
- कौशल विकास का अभाव: उद्योगों की मांग और युवाओं के कौशल में असंतुलन।
- धीमा औद्योगिक विकास: सीमित निवेश और नौकरी के अवसरों की कमी।
- कृषि पर अत्यधिक निर्भरता: अन्य क्षेत्रों में विविधता की कमी।
- मशीनीकरण: मशीनीकरण के कारण श्रमिकों की नौकरियां खत्म होना।
- असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व: रोजगार सुरक्षा और स्थिर आय का अभाव।
- खराब शिक्षा प्रणाली: शिक्षा का निजीकरण और इसकी घटिया गुणवत्ता।
समाधान की दिशा में उठाए जाने वाले कदम
बेरोजगारी को कम करने के लिए शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके अलावा, औद्योगिक विकास, निवेश, और रोजगार सृजन के लिए सक्षम वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।