महिलाओं को जागृत कर शिक्षा का महत्व समाज में फैलाना होगा।मान्य. डी. के. खापर्डे साहब
इलाहाबाद में आयोजित बामसेफ के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान दिनांक 21 दिसम्बर 1993 को 'मूलनिवासी संघ' का प्रथम अधिवेशन सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन के समापन भाषण में विद्यार्थी, युवा और महिलाओं को मार्गदर्शन करते हुए बामसेफ के केंद्रिय कार्यकारिणी सदस्य मान्य. डी. के. खापर्डे इन्होंने बताया-
समाज का बुद्धिजीवी वर्ग जैसे ही समाज कार्य के लिए कार्यरत होता है, समाज का प्रत्येक हिस्सा उसके प्रभावित और प्रेरीत होता है और उसे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। बमसेफ संगठन द्वारा हम लोग जो कार्य कर रहे हैं उससे हमारे समाज के छात्र, युवा तथा महिला वर्ग भी बहुत प्रभावित एवं प्रेरीत हुआ है। इस वर्ग को सही दिशा देकर समाज कार्य के लिए सउपयोग में लाने के लिए मूलनिवासी संघ की स्थापना बामसेफ के माध्यम से की गई है।
अनेक राज्यों से आयें छात्र, युवा और महिलाओं ने अपने विचार इस अधिवेशन में रखे तथा अपनी समस्याएँ भी रखी। मूलनिवासी संघ की यह शुरूआत निश्चित ही अच्छी हो रही है क्योंकि बामसेफ के माध्यम से जो वर्ग तैयार हुआ है वह काफी सुझबुझवाला है। इस संघ की स्थापना के कुछ वर्ष पहले ऐसा ही संगठन 'डी एस 4' के नाम से हमने बनाया था जिसके द्वारा समाज में बहुत हलचल मची और आम आदमी तक विचारधारा पहुंचाने का काम हमने किया। लेकिन उस संगठन का उपयोग राजनीति के लिए कुछ महत्वाकांक्षी लोगों द्वारा हुआ जिससे वह संगठन आज नजर नहीं आता। छात्र, युवा और महिला वर्ग समाज का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इस अंग का इस्तेमाल सभी राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए करते हैं। क्योंकि इस वर्ग का कोई अलग संगठन नहीं है और संगठन बनाने की न कोई बात सोचता है। प्रत्येक राजनीतिक दल इसे उपयोग कर छोड़ देता है। समाज में खासकर छात्र और युवाओं का जो गलत इस्तेमाल हो रहा है उसे बंद करने के लिए हमने बामसेफ के माध्यम से मूलनिवासी संघ स्थापन किया है।
उच्चवर्णीय समाज के छात्र-युवा वर्ग का संगठन है और वह संगठन व्यवस्था कायम करने के लिए कार्य कर रहा है। लेकिन बहुजन समाज जो इस देश का मूलनिवासी है उसका कोई संगठन नहीं है। जिसका उपयोग हम समाज कार्य के लिए कर सके। बामसेफ संगठन द्वारा बुद्धिजीवी वर्ग
समाज में जो कार्य कर रहा है उससे समाज का प्रत्येक हिस्सा प्रेरीत और प्रभावित हुआ है। बुद्धिजीवी वर्ग के कार्य द्वारा समाज के अन्य वर्ग को कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। यही प्रेरणा बामसेफ द्वारा कुछ छात्र, युवा और महिला वर्ग को मिली है। तथा यह वर्ग कुछ दिनों से हमारे साथ कार्य कर रहा है। उनका हौसला, उनकी कार्य करने की जिद्द तथा सुझ-बुझ देखकर हमने छात्र, युवा और महिला वर्ग का संघ स्थापन करने की सोच बनायी इस बामसेफ' के इस दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर इस मूलनिवासी संघ को कार्यान्वित कर रहे हैं। इस वर्ग की कुछ समस्याएँ निश्चित ही है। खासकर महिला वर्ग की समस्या है। महिला वर्ग बड़े पैमाने पर अज्ञानी होने की वजह से कुछ सामाजिक समस्याएँ निर्माण हुई है। स्त्री संस्कार करती है। यदि वह अज्ञानी है तो कैसे संस्कार होंगे? इसके बारे में सोचना होगा। इसलिए हमें महिला वर्ग को मूलनिवासी संघ के माध्यम से जागृत कर शिक्षा का महत्व समाज में फैलाना है।
जय मूलनिवासी
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