सावली डांस बार को लेकर मुश्किल में था कदम परिवार, अब बार में ऑर्केस्ट्रा का लाइसेंस वापस

शिवसेना ठाकरे गुट के नेता अनिल परब ने राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान योगेश कदम के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि मुंबई में गृह मंत्री योगेश कदम की माँ के नाम पर सावली नाम का एक डांस बार है और पुलिस ने उस पर छापा मारकर वहाँ से 22 बारटेंडरों को हिरासत में लिया था। इस बीच, योगेश कदम के पिता और पूर्व मंत्री रामदास कदम ने स्वीकार किया था कि कांदिवली में जिस बार के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की थी, वह उनकी पत्नी के नाम पर है। हालाँकि, उन्होंने इसे किसी और को चलाने दिया है। अब जानकारी सामने आ रही है कि कदम परिवार ने सावली बार में ऑर्केस्ट्रा का लाइसेंस वापस कर दिया है, जो गृह मंत्री योगेश कदम की माँ के नाम पर था।
गृह मंत्री योगेश कदम की मुश्किलें बढ़ने के साथ ही, खबर है कि कदम परिवार ने ऑर्केस्ट्रा का लाइसेंस वापस कर दिया है और केवल रेस्टोरेंट और होटल का लाइसेंस अपने पास रखा है। विपक्ष ने जहां इस मामले में गृह राज्य मंत्री कदम के इस्तीफे की मांग की है, वहीं अब कदम परिवार ने बचाव की मुद्रा अपना ली है। इससे पहले सावली बार के खिलाफ ऑर्केस्ट्रा लाइसेंस होने के बावजूद वहां डांस बार चलाने के आरोप में कार्रवाई की गई थी। उसके बाद विपक्ष योगेश कदम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। अब जानकारी सामने आ रही है कि कदम परिवार ने सावली बार का ऑर्केस्ट्रा लाइसेंस वापस कर दिया है।
पिछले हफ्ते के प्रस्ताव पर बोलते हुए अनिल परब ने कहा था कि कांदिवली में एक सावली बार है। पुलिस ने यहां छापा मारा और 22 बारिस्टा को गिरफ्तार किया गया। 22 बारिस्टा में 22 ग्राहक और 4 कर्मचारी गिरफ्तार किए गए। इस जगह पर ग्राहकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इस जगह पर पंचनामा किया। उस बार का परमिट ज्योति रामदास कदम के नाम पर है। उन्होंने आरोप लगाया था कि वह गृह राज्य मंत्री की मां हैं।
गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने शुक्रवार को कांदिवली स्थित सावली बार का ऑर्केस्ट्रा लाइसेंस लौटा दिया, लेकिन इससे विवाद थमने की बजाय और बढ़ गया है। शिवसेना (उभाठा) नेता एडवोकेट अनिल परब ने इसे अपराध स्वीकारोक्ति बताते हुए पुलिस पर हमला बोला और कहा कि सिर्फ़ लाइसेंस लौटाने से ज़िम्मेदारी खत्म नहीं होती, योगेश कदम को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चोरी का सामान लौटा देने से चोर निर्दोष नहीं हो जाता।
शुक्रवार को अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अनिल परब ने कहा कि योगेश कदम द्वारा लाइसेंस लौटा देने का मतलब यह नहीं है कि वह इस मामले से बरी हो गए हैं। परब ने कहा कि जब हम कल पुलिस स्टेशन गए थे, तो उन्होंने अगले दिन लाइसेंस लौटा दिया। अगर कुछ भी गैरकानूनी नहीं हुआ था, तो लाइसेंस लौटाने की क्या ज़रूरत थी? इसका मतलब है कि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि सावली बार में गैरकानूनी गतिविधियाँ चल रही थीं। उन्होंने आगे कहा कि जाँच पूरी होने से पहले चोरी का सामान लौटा देने से आप निर्दोष नहीं हो जाते।
गृह राज्य मंत्री कानून-व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार हैं और अगर वे महाराष्ट्र में प्रतिबंधित डांस बार जैसी चीज़ें चला रहे हैं, तो यह शर्मनाक है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब किसी डांस बार पर छापा पड़ता है, तो बार मालिक, मैनेजर और लाइसेंसधारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होती है, तो सावली बार मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। परब ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफ़ा नहीं देते हैं, तो इससे यह संदेश जाएगा कि वे लाचार हैं।
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