सोशल मीडिया पर फर्जी जलवा
पैसों से खरीदे जा रहे हैं फर्जी फॉलोअर
फेक फॉलोअर्स मामले में दीपिका पादुकोण प्रियंका चोपड़ा का नाम शामिल
क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फॉलोअर भी फर्जी तो नहीं...?
‘‘अगर पैसों के दम पर रैलियों में किराए की भीड़ इकट्ठा की जा सकती है, पैसों से सबूत, गवाह खरीदे जा सकते हैं, किसी की मैयत पर आँसू बहाने वाले फर्जी मिल सकते हैं तो बड़े-बड़े सेलिब्रिटिज और बड़े-बड़े नेताओं के फेक फॉलोअर्स क्यों नहीं मिल सकते हैं? फेक फॉलोअर के मामले में दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा सहित कई सेलिब्रिटिजों के नाम शामिल होने से एक संदेह यह भी है कि कहीं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फॉलोअर भी फेक (फर्जी) तो नहीं हैं? हाल ही में दावा किया गया था कि सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का जलवा ही जलवा है. क्या जलवा फर्जी तो नहीं है? दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट पर फॉलोअर्स की संख्या 60 मिलियन यानी की 6 करोड़ हो गई है.’’
पूरी खबर पढ़ने से पहले यह जान लें कि 10 अगस्त 2017 में यूपी के अमरोहा जिले में एक पोस्टर वायरल हो रहा था, जिस पर लिखा था कि किसी की मौत पर रोने के लिए किराए पर औरतें मिलती है. हालांकि, बाद में यह फर्जी साबित हुआ. लेकिन राजस्थान के राजपूतों में यह आज भी प्रचलित बाताई जाती है. बताया जाता है कि राजस्थान के राजपूत मातम में आँसू बहाने के लिए किराए पर रोने वाली औरतों (रूदाली) को बुलाते हैं.
खबर के
मुताकि, मुंबई क्राइम ब्रांच सोशल मीडिया पर
फेक फॉलोवरस को लेकर जांच में जुटी हुई है और इस जांच के दौरान ऐसे कई नाम सामने
आए हैं जिसे सुनकर हर कोई चौंक गया है. बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और
प्रियंका चोपड़ा जोनस का नाम भी फर्जी फॉलोअर्स की लिस्ट में सामने आया है. ट्विटर
और इंस्टाग्राम मिलाकर दीपिका के 78 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं तो वहीं प्रियंका के 81 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
हाल ही
के दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फॉलोअर्स के बारे में खूब
चर्चा थी. दावा किया जा रहा था कि सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के 6 करोड़ फॉलोअर्स हैं. जिस तरह से
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फॉलोअर्स के बारे में शोर मचाया जा रहा है उससे
अंदेशा होता है कि कहीं प्रधानमंत्री के फॉलोअर्स भी फर्जी तो नहीं हैं. वैसे
सरकार को इस पर भी छानबीन करनी चाहिए.
बता दें
कि सोशल मीडिया पर बड़े ब्रांड का ऐड पाने और ज्यादा पैसे कमाने के लिए फेक फॉलोवरस
से जुड़ा मामला लगातार सामने आता रहा है. यही नहीं बड़े-बड़े नेता भी फेक फॉलोअर बना
रहे हैं. लेकिन इस बार दो बड़ी हसीनाओं का नाम सामने आ आय है जिसमें दीपिका पादुकोण
और प्रियंका चोपड़ा शामिल है. इन दोनों हसीनाओं के अलावा 10 बड़े सेलिब्रिटीज का नाम भी सामने आया
है, जिसमें निर्माता, निर्देशक, एक्ट्रेस के अलावा मेकअप आर्टिस्ट, कोरियोग्राफर, असिस्टेंट डायरेक्टर से लेकर राजनेताओं
के नाम भी शामिल हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि बहुत जल्द ही मुंबई
क्राइम ब्रांच इनसे पूछताछ भी कर सकती है.
मालूम
हो कि ऐसे फेक फॉलोअर्स को इंस्टाग्राम की भाषा मे “ठवजे“ कहा जाता है. अब मुंबई
पुलिस जल्द ही इन तमाम सेलिब्रिटीज से पूछताछ कर सकती है. क्राइम ब्रांच के
सूत्रों के मुताबिक करीब 100 से 150 लोगों का स्टेटमेंट दर्ज किया जाएगा और स्टेटमेंट लेते वक्त पुलिस इन तमाम
सेलिब्रिटीज से उन्हें फॉलो कर रहे फॉलोअर्स के नंबर को प्रूफ करने के लिए कहेगी.
हर सेलिब्रिटी को साबित करना होगा कि उसके फॉलोअर्स पूरी तरह से असली हैं ना कि
उन्होंने किसी कंपनी से डील कर फेक फॉलोवरस खरीदा है.
अब सवाल
है कि क्या वास्तव में फेक फॉलोअर खरीदे जा सकते हैं? इसक सवाल का जवाब मिल गया है. क्राइम
ब्रांच को फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स का रैकेट चलाने वाली करीब 68 कंपनियों का पता चला है. पुलिस ने पहले
ही अभिषेक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया था और पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक
और शख्स से इस मामले में उन्होंने पूछताछ की है. इसके अलावा बॉलीवुड और टेलीविजन
से जुड़े करीब 18 लोगों से पूछताछ की गई है. अब देखना यह
होगा कि मुंबई क्राइम ब्रांच कितने सितारों की फेक फॉलोवरस की सच्चाई सामने ला
पाते हैं.
एक खबर
के अनुसार, 23 हजार रु. 25 हजार लाइक और 5 हजार फॉलोअर मिल रहे हैं. उत्तर
अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को सलाह देने वाले स्वयंसेवी सेंटर ने टेक कंपनियों की
11 रूसी और 5 यूरोपीय कंपनियों को पैसा देकर चलाए
जाने वाले अभियान को रोकने की क्षमता का परीक्षण किया है. शोधकर्ताओं ने 23 हजार रु. में 3500 कॉमेंट, 25 हजार लाइक, 20 हजार व्यू और 5 हजार फॉलोअर खरीद लिए. इनमें यूरोप की
सर्वोच्च एंटी ट्रस्ट अधिकारी मार्गरेट वेस्टागर जैसे कई प्रमुख राजनेताओं के
पोस्ट पर हुए लाइक शामिल हैं. चार सप्ताह बाद भी 80 फीसदी फेक क्लिक बने हुए थे. टेक कंपनियों को इनकी खबर देने के तीन हफ्ते
बाद तक क्लिक जनरेट करने वाले सभी अकाउंट बरकरार थे.
रिपोर्ट
ने फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर के सामने मौजूद
चुनौतियों को सामने रखा है. रूस द्वारा 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में दखल के बाद कंपनियों ने झूठी खबरों के प्रसार से
निपटने के लिए कई परिवर्तन किए थे. अभी हाल के महीनों में इन प्लेटफॉर्मों ने चीन, सऊदी अरब और अफ्रीका में कुछ अकाउंट
बंद करने की घोषणा की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म पर फर्जी काम करने वाले करीब 20 हजार अकाउंट खरीदे, उनकी पहचान की.उनके सैंपल इंटरनेट
कंपनियों को भेजे, तीन सप्ताह बाद 95 फीसदी अकाउंट ऑनलाइन एक्टिव थे.
रिपोर्ट
ने सोशल मीडिया नेटवर्क पर क्लिक, लाइक और कॉमेंट बेचने वाली कंपनियों के
सामने इंटरनेट कंपनियों की कमजोरी पर एक बार फिर लोगों का ध्यान खींचा है. इस
मामले की कई कंपनियां रूस में हैं. सोशल नेटवर्क के सॉफ्टवेयर सबसे अधिक लोकप्रिय
पोस्ट को प्राथमिकता देते हैं. इससे पैसा देकर जनरेट की गई गतिविधि को प्रमुख
स्थान मिलता है. शोधकर्ता सेबास्टियन बे का कहना है, हम सोशल मीडिया कंपनियों के नियमन और नियंत्रण पर बहुत अधिक सोचते हैं
लेकिन सोशल मीडिया धोखाधड़ी इंडस्ट्री पर काबू पाने के बारे में उतना विचार नहीं
करते हैं.
शोधकर्ताओं ने पाया कि बड़ी टेक कंपनियां धांधली रोकने में नाकाम रही हैं. दूसरे नेटवर्क की तुलना में ट्विटर ने ज्यादा अकाउंट पहचाने और हटाए. ट्विटर ने खरीदे गए आधे लाइक और रिट्वीट हटा दिए गए. वहीं फेसबुक फर्जी अकाउंट बनाने और ब्लॉक करने में सबसे अच्छा साबित हुआ लेकिन उसने फर्जी कंटेंट बहुत कम हटाया. साथ ही इंस्टाग्राम में गड़बड़ी करना सबसे आसान और सस्ता रहा.
शोधकर्ताओं ने मई से अगस्त के बीच धांधली करने वाली इंडस्ट्री से निपटने में सोशल नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण किया था. उन्होंने फर्जीवाड़ा चलाने वाले सैकड़ों लोगों को पाया. वे पर्याप्त पैसा कमाते हैं. उन्होंने 16 लोगों को साइन किया. रिपोर्ट में कहा गया, इंडस्ट्री में खुलापन चौंकाने वाला है. सच तो यह है, धांधली करने वाले प्रोवाइडर मेजर प्लेटफॉर्म पर खुलेआम विज्ञापन करते हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब पर सैकड़ों पोस्ट को प्रभावित किया गया. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उपरोक्त
उदाहरण और शोधों से पता चलता है कि फेक फॉलोअर बड़ी आसानी से पैसों से खरीदा जा
सकता है. अगर यह बात है तो सेलिब्रिटिजों के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री सहित
अन्य नेताओं के भी फॉलोअरों की जांच होनी चाहिए. क्योंकि, बड़े-बड़े सेलिब्रिटिज, नेता, मंत्री अपना-अपना ओहदा दिखाने के लिए फर्जी फॉलोअर बना रहे हैं. @Nayak1
Fake on Social Media
Fake followers are being bought with money
Deepika Padukone named Priyanka Chopra in fake
followers case
Is the follower of Prime Minister Narendra Modi
also fake ...?
Photograph taken from Google
"If
the money can be gathered in rallies on the basis of money, evidence from money
can be bought, witnesses can be found fake to shed tears on one's will, then
big celebrities and big leaders Why can't fake followers be found? In the case
of fake followers, the names of many celebrities including Deepika Padukone,
Priyanka Chopra, there is a doubt that the followers of Prime Minister Narendra
Modi are also fake (fake). Recently, it was claimed that the Prime Minister has
the power to burn on social media. Is Jalwa not fake? It is claimed that the
number of followers on the Twitter account of PM Narendra Modi has increased to
60 million i.e. 60 million. "
Before
reading the whole news, know that on August 10, 2017, a poster was going viral
in Amroha district of UP, on which it was written that women are hired to cry
on someone's death. However, it later proved to be fake. But it is still
practiced in Rajputs of Rajasthan. It is said that the Rajputs of Rajasthan
call women (Rudali) who are crying on rent to shed tears in weeds.
As per
the news, Mumbai Crime Branch is engaged in an investigation on social media
regarding fake followers and during this investigation many such names have
come out which everyone is shocked to hear. The names of Bollywood actress
Deepika Padukone and Priyanka Chopra Jonas have also appeared in the list of
fake followers. Deepika has more than 78 million followers, including Twitter
and Instagram, while Priyanka has more than 81 million followers.
In
recent days, there was a lot of discussion about the followers of Prime
Minister Narendra Modi. It was being claimed that the Prime Minister has 6
crore followers on social media. The way noise is being made about the
followers of Prime Minister Narendra Modi, it is feared that the followers of
the Prime Minister are also fake. By the way, the government should investigate
this too.
It is
known that such fake followers are called "Thawje" in the language of
Instagram. Now the Mumbai Police can soon interrogate all these celebrities.
According to Crime Branch sources, a statement of about 100 to 150 people will
be filed and while taking the statement, the police will ask these celebrities
to proof the number of followers who are following them. Every celebrity has to
prove that his followers are completely genuine, not that he has bought fake
followers by dealing with a company.
Now the
question is, can fake followers really be bought? The answer to this question
has been found. The crime branch has come to know about 68 companies running
rackets of fake social media followers. The police had already arrested a
person named Abhishek and according to police sources, he has questioned
another man in this case. Apart from this, about 18 people related to Bollywood
and television have been questioned. Now it will have to be seen that how many
stars of Mumbai Crime Branch are able to bring out the truth of their
followers.
According
to a news, 23 thousand rupees. There are 25 thousand likes and 5 thousand
followers. The Volunteer Center, which advises the North Atlantic Treaty
Organization (NATO), has tested the tech companies' ability to stop a campaign
to fund 11 Russian and 5 European companies. Researchers Rs 23 thousand In 3500
comments, 25 thousand likes, 20 thousand views and 5 thousand followers were
purchased. These include the likes of many prominent politicians on the post,
such as Margaret Vestagar, Europe's highest anti-trust officer. Even after four
weeks, 80 percent of fake clicks were made. All the accounts generating clicks
remained intact for three weeks after reporting them to tech companies.
The
report has put the challenges before Facebook, YouTube and Twitter. After
Russia interfered in the 2016 presidential election, the companies made several
changes to deal with the spread of false news. In recent months, these
platforms have announced the closure of some accounts in China, Saudi Arabia
and Africa. The report said that the researchers bought about 20 thousand
accounts of fake people working on social media platforms, identified them.
Their samples were sent to internet companies, after three weeks 95 percent of
the accounts were active online.
The
report has once again attracted the attention of people on the weakness of
Internet companies in front of companies selling clicks, likes and comments on
social media networks. Many companies in this case are in Russia. Social
network software prioritizes the most popular posts. This gives a prominent
place to the activity generated by paying money. Researcher Sebastian Bey says,
"We think too much about the regulation and control of social media
companies, but don't think much about overcoming the social media fraud
industry."
Researchers
found that big tech companies have failed to stop the rigging. Compared to
other networks, Twitter recognized and deleted more accounts. Half the likes
and retweets purchased by Twitter were removed. At the same time, Facebook
proved to be the best in creating and blocking fake accounts, but it removed
very little fake content. Also, messing up Instagram was the easiest and
cheapest.
Researchers
tested the ability of the social network to deal with the rigging industry
between May and August. They found hundreds of people running frauds. They make
enough money. He signed 16 people. The report said, the openness in the
industry is shocking. The truth is, rigging providers openly advertise on the
major platforms. Hundreds of posts on Facebook, Instagram, Twitter and YouTube
were affected. However, no action was taken.
The
above examples and researches show that fake followers can be easily bought
with money. If this is the case, the followers of celebrities as well as other
leaders including the Prime Minister of the country should be investigated.
Because, big celebrities, leaders, ministers are making fake followers to show
their position. @Nayak1
Thank
you Google