सरकार पर आरएसएस का नियंत्रण...?
केन्द्र से लेकर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों पर आरएसएस का
पूर्ण रूप से नियंत्रण है. यह बात किसी से छिपी नहीं है, बल्कि यह एक
बार फिर से साबित हो गया है. हालांकि,
इसके पहले भी केन्द्र से लेकर अन्य राज्यों की बीजेपी सरकारें
अपने-अपने मंत्रिमंडल के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगे दंडवत हो चुकी हैं. 2014 में केन्द्र
बीजेपी की सरकार बनने के तत्काल बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने
मंत्रिमंडल के साथ दिल्ली में चल रहे आरएसएस की मीटिंग में न केवल शरीक हुए, बल्कि आरएसएस
प्रमुख मोहन भागवत के चरणों में दंडवत भी हो गए. केन्द्र से लेकर राज्य सरकारों का
इस तरह से आरएसएस के सामने दंडवत होना इस बात का पुख्ता सबूत है कि सरकार पर
आरएसएस का पूर्ण रूप से नियंत्रण है. यही नहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत केन्द्र
सरकार से लेकर बीजेपी की कई राज्य सरकारों की समीक्षा भी कर चुके हैं. यहां तक कि
मुख्यमंत्री आवास में संघ की कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं. यह बात पूरे दावे के
साथ कहा जा सकता है कि जब-जब सरकार और आरएसएस के बीच मंथन हुआ है तब-तब मूल निवासी
बहुजन समाज के खिलाफ साजिश रची गई है. इसी साजिश के तहत सरकार ने न केवल असंवैधानिक
कानून बनाकर लागू की है, बल्कि कई असंवैधानिक फैसले भी किए जा चुके हैं.
ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जारी संघ के
महामंथन में शिवराज सरकार के मंत्रियों की भी हाजिरी लग रही है. सूत्रों से मिली
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार में शिक्षा विभाग के मंत्रियों ने संघ प्रमुख
मोहन भागवत से मुलाकात की है. स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने संघ
प्रमुख से करीब घंटे भर तक मुलाकात की. हालांकि यह मुलाकात एक दिन पहले होना बताई
जा रही है. वहीं, प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के भी संघ
प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की खबर है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान समेत शिवराज कैबिनेट के कुछ और मंत्री भी संघ प्रमुख मोहन भागवत से
मुलाकात कर सकते हैं. दरअसल राजधानी भोपाल में संघ की वर्किंग ग्रुप की एक अहम
बैठक शारदा विहार स्कूल परिसर में चल रही है. इस बैठक को बेहद गोपनीय रखा गया है
और उसमें केवल संघ के टॉप लेवल के पदाधिकारी और प्रचारकों को ही बुलाया गया है.
आखिर यह 5 दिन का मंथन क्यों हो रहा है? संघ की यह बैठक ऐसे
वक्त में हो रही है जब देश कोरोना महामारी की चपेट में है. यही नहीं लॉकडाउन के
दौरान करोड़ों लोग बेरोज़गारी, गरीबी और भुखमरी से जूझ रहे हैं. क्या आरएसएस सरकार है या सरकार
का कोई अंग है? सूत्रों ने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रमुख पदाधिकारियों
के साथ कोरोना के दौरान और कोरोना के बाद संघ की भूमिका को लेकर मंथन करेंगे. वहीं
यह भी बताया जा रहा है कि चीन विवाद,
राम मंदिर निर्माण समेत देश और प्रदेश के राजनीतिक हालात पर भी
चर्चा होगी. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान
में संघ की भूमिका क्या होगी, इस पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान जहां
सब कुछ बंद है, जनता घरों में कैद है तो वहीं केन्द्र सरकार संकट के इस दौर में
लगातार जनहित विरोधी काम कर रही है. इसके साथ ही सरकार आरएसएस के एजेंडों
धीरे-धीरे लागू कर रही है. सरकार के इस रवैये से ऐसा लगता है कि सरकार कोरोना की
आड़ में बहुत बड़ी साजिश कर रही है और इस साजिश में आरएसएस बराबर का हिस्सदार है.
कोरोना काल में राम मंदिर निर्माण करना संघ का ही मुख्य एजेंडा है जिसे सरकार पूरा
कर रही है. यही कारण है कि केन्द्र सरकार से लेकर बीजेपी की राज्य सरकारें
अपना-अपना मंत्री मंडल लेकर आरएसएस के हर बैठकों में शामिल होती है.@Nayak1
RSS Control Over Government ...?
Shivraj's
ministers present before RSS chief in Bhopal
Photograph taken from Google
The RSS has complete control over the governments from the central to BJP ruled states. This thing is not hidden from anyone, but it has been proved once again. However, even before this, BJP governments from the Center to other states along with their cabinet have been prostrated before RSS chief Mohan Bhagwat. Immediately after the formation of the central BJP government in 2014, Prime Minister Narendra Modi not only attended the ongoing RSS meeting in Delhi with his cabinet, but also got worshiped at the feet of RSS chief Mohan Bhagwat. The worship of the central and state governments in front of the RSS in this way is a good proof that the RSS has complete control over the government. Not only this, RSS chief Mohan Bhagwat has also reviewed many state governments from the central government to the BJP. Even meetings of the Sangh have been held several times in the Chief Minister's residence. This can be said with full assertion that whenever there is a churn between the government and the RSS, then a conspiracy has been hatched against the Bahujan Samaj. Under this conspiracy, the government has not only enacted and enacted unconstitutional laws, but many unconstitutional decisions have also been taken.
It is worth mentioning that the ministers of the Shivraj
government are also present in the Maha Manthan of the Union released in
Bhopal, the capital of Madhya Pradesh. According to information received from
the sources, the ministers of the Education Department in the state government
have met the Union Chief Mohan Bhagwat. Minister of State for School Education
Inder Singh Parmar met the Sangh chief for about an hour. Although this meeting
is said to be a day before. At the same time, there is news of higher education
minister Mohan Yadav meeting with the union chief Mohan Bhagwat in the state
government. It is believed that along with Chief Minister Shivraj Singh
Chauhan, some other ministers in the Shivraj cabinet can also meet Sangh chief
Mohan Bhagwat. In fact, an important meeting of the working group of the Sangh
is going on in the premises of Sharda Vihar School in the capital Bhopal. This
meeting has been kept very confidential and only the top level officials and
campaigners of the Sangh have been called in it.