ब्राह्मण-बनिया प्रचार माध्यम हमारे खिलाफ समाज में घृणा अभियान चला रहा है,द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता को चौराहों पर जलाने की तैयारी कर रहे हैं : वामन मेश्राम

0

 

द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता को चौराहों पर जलाने की तैयारी कर रहे हैं : वामन मेश्राम साहब

   
‘‘ब्राह्मणवाद एक विचारधारा है. हमें संविधान के आर्टिकल 19 के तहत विरोध करने का मौलिक अधिकार है. अगर हम ऐसा कह रहे हैं कि 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों का विधायिका, कार्यपालिका, न्याय और मीडिया पर कब्जा है. यही नहीं हम यह भी कह रहे हैं कि ब्राह्मणों ने राष्ट्रीय लेवल की पांच-पांच पार्टियां बनाई तो मैं गलत कहां से कह रहा हूं.  क्या यह गलत है? ये तो 100 प्रतिशत सच्चाई है. सच्चाई कहना गलत नहीं है और न ही घृणा अभियान चलाना है. विरोध करने का अधिकार भारतीय संविधान ने ही दिया है और उसी के तहत हम इस विचारधारा का विरोध कर रहे हैं.’’

 

द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता को चौराहों पर जलाने की तैयारी कर रहे हैं. यही नहीं इन दोनों अखबारों के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस भी दायर करने वाले हैं. क्यांकि ये ब्राह्मण-बनिया प्रचार माध्यम हमारे खिलाफ समाज में घृणा अभियान चला रहा है. यह बात बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम साहब ने नेशनल दस्तक के एक इंटरव्यू में कही. 

 इंटरव्यू में वामन मेश्राम साहब ने कहा कि 25 सितंबर 2020 को शाम 6 बजे बामसेफ के वरिष्ठ कार्यकर्ता एड़ देवजीभाई महेश्वरी की ब्राह्मणों ने हत्या कर दी. 27 सितम्बर 2020 को द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता ने एड. देवजीभाई महेश्वरी के हत्या के मुख्य आरोपी को पकड़े जाने की खबर तो छापी, मगर झूठी खबरें छापकर देवजीभाई कि हत्या का समर्थन किया. खबर के टाईटल में लिखा कि ‘ब्राम्हण विरोधी फेसबुक पोस्ट करने की वजह से दलित वकील कि हत्या’ और खबर के अंदर लिखा है कि इस हत्या के पीछे ‘ब्राम्हणवाद के विरोधी फेसबुक पोस्ट है. जबकि, दर्ज एफआईआर के मुताबिक, हत्या के पीछे जमीन केस का मामला है. 

 वामन मेश्राम साहब ने कहा ये खबर गलत कैसे है? यह समझना जरुरी है. उन्होंने कहा ‘दलित वकील कि हत्या’ इस तरह से लिखने के पीछे उनकी मानसिकता ये है कि अनु.जाति के लोगों के अलावा कोई दूसरे जाति के लोग उनके न्याय के लिए मैदान में न आये. दूसरी बात यह है कि ‘ब्राह्मण विरोधी पोस्ट’ लिखकर वे उस हत्या को सही ठहराना चाहते हैं कि वकील ने ब्राह्मण के विरोध में लिखा, इसलिए ब्राह्मण ने वकील की हत्या कर दी. 

 आगे वामन मेश्राम साहब ने कहा कि खबर के अंत में देवजीभाई की आखिरी फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया है कि मेरे एक भाषण का वीडियो है, जिसमें मैं कह रहा हूं कि एससी, एसटी, ओबीसी के लोग हिन्दू नहीं है और मैने यह ब्राह्मणों को चुनौती देकर कहा है. लेकिन, आज तक किसी ब्राह्मण ने मेरी बात को झूठ साबित नहीं किया. उन्होंने कहा कि द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता के लोग ये खबर पुलिस की दी हुई जानकारी के आधार पर लिखी है. लेकिन, क्या उन्होंने इस बात का वेरीफीकेशन किया? क्या खबर लिखने से पहले उन्होंने दूसरी तरफ की बातों को जानने की कोशिश की? नहीं की. ऐसा न करके उन्होंने निष्पक्ष पत्रकारिता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और साथ में ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के मार्गदर्शकतत्वों का भी उल्लंघन किया है.


वामन मेश्राम साहबने दावे के साथ कहा कि  ‘‘ब्राह्मणवाद एक विचारधारा है. हमें संविधान के आर्टिकल 19 के तहत विरोध करने का मौलिक अधिकार है. अगर हम ऐसा कह रहे हैं कि 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों का विधायिका, कार्यपालिका, न्याय और मीडिया पर कब्जा है. यही नहीं हम यह भी कह रहे हैं कि ब्राह्मणों ने राष्ट्रीय लेवल की पांच-पांच पार्टियां बनाई तो मैं गलत कहां से कह रहा हूं.  क्या यह गलत है? ये तो 100 प्रतिशत सच्चाई है. सच्चाई कहना गलत नहीं है और न ही घृणा अभियान चलाना है. विरोध करने का अधिकार भारतीय संविधान ने ही दिया है और उसी के तहत हम इस विचारधारा का विरोध कर रहे हैं.’’ विरोध करने का अधिकार भारतीय संविधान ने ही दिया है और उसी के तहत हम इस विचारधारा का विरोध कर रहे हैं.


वामन मेश्राम साहब ने कहा कि उन्होंने अपनी खबर में बामसेफ और इंडियन लीगल प्रोफेशनल असोसिएशन इन दो संगठनों का नाम लिया है, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि दूसरी तरफ की जानकारी कहां से और कैसे लेनी है. इसलिए हमारा ये मानना है कि द इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता ने जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी देने का काम किया है और देवजीभाई की हत्या का समर्थन किया है. हम इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में केस दायर करेंगे और देशभर में इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता को चौराहों पर जलाने के लिए आंदोलन करेंगे.@Nayak1

Preparing to burn the Indian Express and Jansatta at intersections: Waman Meshram Sahab

         

"Brahmanism is an ideology. We have the fundamental right to protest under Article 19 of the Constitution. If we are saying that 3.5 percent of Brahmins have control over legislature, executive, justice and media. Not only this, we are also saying that Brahmins have formed five parties of national level, so where am I saying wrong. Is this wrong? This is 100 percent truth. It is not wrong to say the truth, nor to run a hate campaign. The Indian constitution has given the right to protest and under that we are opposing this ideology. "

 

The Indian Express and Jansatta are preparing to be burnt at the intersections. Not only this, cases against these two newspapers are also going to be filed in the High Court and the Supreme Court. However, this Brahman-Baniya propaganda medium is running a hate campaign against us in society. Bamcef national president Waman Meshram Sahab said this in an interview of National Dastak.

 

In the interview, Waman Meshram Saheb said that on 25 September 2020 at 6 pm, senior BAMCEF activists adv. Devjibhai Maheshwari was killed by Brahmins. On 27 September 2020, The Indian Express and Jansatta ed. The news of Devjibhai Maheshwari's main accused of murder was published, but by printing false news, Devjibhai supported the murder. In the title of the news, it was written that 'murder of Dalit lawyer due to posting of anti-Brahmin Facebook' and inside the news has written that behind this murder is' anti-Brahmin Facebook post. Whereas, according to the FIR registered, there is a case of land case behind the murder.

Waman Meshram Sahab said how is this news wrong? It is important to understand this. He said that his mentality behind writing 'murder of Dalit lawyer' in such a way is that no people belonging to other castes other than caste people should come to the field for their justice. The second thing is that by writing an 'anti-Brahmin post' they want to justify the murder that the lawyer wrote against the Brahmin, so the Brahmin killed the lawyer.

 

Further Waman Meshram Saheb said that at the end of the news, Devjibhai's last Facebook post mentioned that there is a video of one of my speeches, in which I am saying that people of SC, ST, OBC are not Hindus and I challenged this to Brahmins Have given it. But till date, no Brahmin has proved my point to be false. He said that the people of The Indian Express and Jansatta have written this news based on the information given by the police. But, did they verify this? Did they try to find out the other side before writing the news? Did not do By not doing so, he has violated the principles of fair journalism and has also violated the guidelines of the Press Council of India.

Waman Meshram Sahib said with the claim that "Brahmanism is an ideology. We have the fundamental right to protest under Article 19 of the Constitution. If we are saying that 3.5 percent of Brahmins have control over legislature, executive, justice and media. Not only this, we are also saying that Brahmins have formed five parties of national level, so where am I saying wrong. Is this wrong? This is 100 percent truth. It is not wrong to say the truth, nor to run a hate campaign. The Indian constitution has given the right to protest and under that we are opposing this ideology. "The Indian constitution has given the right to protest and under that we are opposing this ideology.

 

Waman Meshram Saheb said that he has named BAMCEF and Indian Legal Professional Association two organizations in his news, so it cannot be said that he does not know where and how to get information from the other side. Therefore, we believe that The Indian Express and Jansatta have deliberately acted to give false information to the people and supported the murder of Devjibhai. We will file a case against the Indian Express and Jansatta in the Supreme Court and the High Court and will agitate to burn the Indian Express and Jansatta at crossroads across the country. @ Nayak1

Thank you Google.

 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top