मनिषा वाल्मीकि-हाथरस की बेटी का शव नही, देश की हर बेटी का सम्मान जल रहा ,मानवता जल रही है !!

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मनिषा वाल्मीकि-हाथरस की बेटी का शव नही, देश की हर बेटी का सम्मान जल रहा

मानवता जल रही है !!

।।।।एक मौत जो बहुजनों की गुलामी का जिंदा सबूत है।।।।

 

           






14 सितंबर के हाथरस गैंगरेप  काण्ड की मनिषा वाल्मीकि-पीड़ित बच्ची की मौत हो गई है। यह घटना तुम्हारी गुलामी का जिंदा सबूत है। यह घटना ऐसी की सामुहिक बलात्कार किया और फिर उसकी जीभ काट दी कि वह बोल कर अपने ऊपर बीती घटना को बता भी न सके।हाथ पैर तोड़ दिए गए। यह बीभत्सम घटना है लेकिन कहीं कोई  बड़ा मार्च या कोई बड़ा विरोध कहीं कुछ नहीं दिखा।। मीडिया केवल वर्ग विशेष की खबरें दिखाता है। शासन प्रशासन और अदालतों का भी लगभग एक सा ही हाल है। वंचित तबके को आजादी के 73 साल बीत जाने पर भी न्याय पाने के लिए संघर्ष करना होता है लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिलता है।

   14 सितंबर की इतनी विभत्स कृत्य को पुलिस ने जानलेवा हमला बताकर टाली फिर कुछ जनदबाव तब बलात्कार का मुकदमा दर्ज करती। कातिलों को बचाने का हरसम्भव प्रयास जारी है।

   महिला आयोग तुम्हारे लिए मर गया है?

   तुम्हारा कोई मानवाधिकार नही है।

   यह घटना केवल बलात्कार अर्थात बलात यौन सम्बन्ध बनाने की नही बल्कि एक सामंती मानसिकता का प्रदर्शन है की तुम मेरे लिए इसी काबिल हो, तुम मेरा कुछ नही बिगाड़ सकतें,हम चाहे जो करे। तुम्हारी औकात जूती के नीचे रहने की है ,तुम हमारे भोग के लिए हो। इस घटना में शक्ति का प्रदर्शन भी शामिल है जो उनके बढ़े हुए आत्मविस्वास को अभिव्यक्त करता है। यह आत्मविस्वास उनमें क्यों है, कैसे आया?                                                                                                                                                

तुम्हारा मानवाधिकार क्यों नही?

    हालांकि मैं तथाकथित इनकाउंटर (पकड़ कर मारने)के हमेशा खिलाफ हु पर हुकूमत इसे अपनी नीति बताती तो पूछना है कि इनके आरोपियों के इनकाउंटर क्यों नहीपोस्टर नीति चल रही है तो इनके पोस्टर चौराहों पर क्यों नहीं? इन हत्यारों पर NSA नही लगेगा क्योंकि वह तो विपक्ष और  आंदोलन दबाने का हथियार है।

 

क्योंकि तुम उनकी सरकार बनाते हो

क्योंकि तुम उनके धर्म को मानते हो

क्योंकि तुम उनकी व्यवस्था को मानते जिनमे उन्हें श्रेष्ठ घोषित किया गया है।

क्योंकि तुम उनकी मीडिया की कही बातों को सही मानते हो?

क्योंकि तुम नारी हो और वह भी अछूत मानी जाते रहने वाले तबके की?

सबसे बढ़कर

क्योंकि तुम उनकी शर्तो पर जीते हो।

तो अब वंचित तबकों को सोचना पड़ेगा कि उन्हें न्याय कैसे मिलेगा?

     तब

जब तुम अपनी सरकार बनाओगे

जब तुम अपनी मीडिया चलाओगे,उनकी मीडिया का बहिष्कार कर दोगे,

जब तुम अपनी शर्तों पर बात करोगे,जिओगे

अब तुम अपने धर्म का पालन करोगे

जब तुम अपनी व्यवस्था चलाओगे।

जब तुम संवैधानिक व्यवस्था में भागीदारी लोगे।

जब तुम न्यायालय, प्रशासन में हिस्सेदारी लोगे।

जब तुम फूलन देवी की तरह न्याय करना सीख लोगे।

    अपडेट --।।खेल शुरू हो चुका है।।

उन्होंने अपने तरीके से न्याय करना शुरू कर दिया है।

उधर सवर्ण परिषद आरोपियों के पक्ष में उतर आई हैपर खबरदार कोई इसे जातिवाद बोलेगा, इधर

 मनिषा वाल्मीकि की दिल्ली के सफदरगंज में मौत हो गयी , अस्पताल में परिजनों को लड़की से मिलने,देखने तक नही दिया गया ,इस पर कुछ लोगो का आरोप है कि आरोपियों को बचाने के लिए अस्पताल में हत्या की गई है। यह भी खबर मिल रही है कि पोस्टमार्डम रिपोर्ट में बलात्कार ,जीभ काटने, रीढ़ की हड्डी तोड़ने जैसी घटना से इनकार कर दिया गया। मामला कैसे घुमा दिया गया सोच भी नही पाओगे।

     बच्ची की लाश तक परिजनों को नही दी गयी, रात में पूरे पुलिस महकमे ने मिलकर लाश को परीजनों से दूर जला दिया। परिवार व शुभेच्छु सफदरगंज के सामने लाश के लिए धरने पर है, पुलिस लाठीचार्ज भी कर चुकी है।

      असल मे पूरे प्रकरण में वे कह रहे है कि हम तो ऐसे ही करेंगे, ऐसे ही करतें हैं।

   मीडिया और सरकार मौन है

   जानते हो इसका कारण कौन है?

     जाति जाति और केवल जाति

   

   पीड़िता की जाति ,अत्याचारियों की जाति।।@Nayak1

The body of Manisha Valmiki-Hathras daughter is not dead, every daughter of the country is burning respect,Humanity is burning !!

A death that is a living proof of the slavery of Bahujans.

 

                         

Manisha Valmiki-afflicted girl has died in the Hathras gang rape case of 14 September. This incident is a living proof of your slavery. The incident raped such a group and then bitten her tongue so that she could not even speak the past incident on herself. Her legs were broken. This is a big event but there is no big march or any big protest. Media only shows news of category Governance is almost the same for administration and courts. The underprivileged have to struggle to get justice even after 73 years of independence, but still do not get justice.

   On September 14, the police deferred such an act of murder as a murderous attack, then some people then filed a rape case. Every effort to save the murderer continues.

   Has the women's commission died for you?

   You do not have any human rights.

                                    

   This incident is not only about rape ie forced sexual relations, but a feudal mentality that you are capable of me, you can spoil me no matter what we do. Your duty is to live under the shoes, you are for our enjoyment. The incident also includes a display of strength that expresses their increased confidence. Why is this confidence in them, how did it come?

Why not your human rights?

    Although I always rule against the so-called encounter (capture and kill), if I tell it my policy, then why not ask the accused of their accused? Poster policy is going on, so why not their posters at intersections? The NSA will not be put on these killers because it is a weapon to suppress opposition and movement.

Because you form their government

Because you believe in their religion

Because you obeyed his law in which he has been declared superior.

Because you believe his media's words right?

Because you are a woman and that too of a section considered untouchable?

Above all

Because you live on their terms.

 So now the underprivileged have to think how will they get justice?

     Then

When you make your government

When you run your media, you boycott their media,

When you talk on your terms, live

Now you will follow your religion

When you run your system.

When you participate in the constitutional system.

When you take part in the court, administration.

When you learn to do justice like Phoolan Devi.

    Updates - The game has started.

They have started to judge in their own way.

On the other hand, the Savarna Council has come in favor of the accused, but beware that someone will call it casteism, here

Manisha Valmiki died in Safdarganj, Delhi, family members in the hospital were not given to see the girl, some people alleged that some people have been murdered in the hospital to save the accused. It is also reported that the postmortem report denied rape, tongue biting, spinal cord fractures. You will not be able to think how the matter was turned.

     The child's body was not even given to the family, at night the whole police department got together and burnt the body away from the family. The family and the well-wishers are on a dharna in front of Safdarganj for the corpse, the police has also done lathicharge.

      In fact, in the whole episode, they are saying that we will do like this, we do like this.

   Media and government are silent

   Do you know who is the reason?

     Caste and caste only

   The caste of the victim, the caste of the oppressors.@Nayak1

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