न्याय के लिए जंग, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में धरना-प्रदर्शन
हाथरस,
बलरामपुर, बुलंदशहर और भदोही
की बेटियों को न्याय के लिए बहुजन क्रांति
मोर्चा का विशाल आंदोलन
उतनी बड़ी शक्ति का निर्माण होता है और संगठन शक्ति का निर्माण करने के लिए समाज को जागृत करना पड़ता है. आज
देशभर में बामसेफ के अलावा कोई दूसरा संगठन दिखाई नहीं दे रहा है. बामसेफ ही एक ऐसा संगठन है जो आरएसएस को
टक्टर दे रहा है और सरकारों से आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है. विगत 40 सालों से बामसेफ एससी, एसटी, ओबीसी,
मायनॉरिटी को निरंतर जागृत करके बहुत बड़ी शक्ति निर्माण कर दी है. उस शक्ति का उपयोग आज मूलनिवासी बहुजन
समाज को न्याय दिलाने के लिए कर रहा है.
शुरू कर दिया है. यह विशाल आंदोलन केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैल चुका है. इसका एक बृहद नजारा
3 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में उस वक्त देखने को मिला जब बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक
वामन मेश्राम साहब के आवाहन पर राष्ट्रीय मूलानिवासी महिला संघ, भारत मुक्ति मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी, युवा, बेरोजगार
मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी अनुसूचित जाति जागृति मोर्चा, बहुजन मुक्ति पार्टी
सहित हजारों संगठनों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया
फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, आज़मगढ़, बलिया, मऊ,
बरेली, बदायूँ, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, बहराइच,
बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, अमेठी, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज
, जालौन, झांसी, ललितपुर, औरैया, इटावा, फ़र्रूख़ाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, हरदोइ, लखीमपुर खीरी, लखनऊ,
रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बाग़पत, बुलन्दशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मेरठ, मिर्ज़ापुर, संत रविदास नगर,
सोनभद्र, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल, सहारनपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, सहारनपुर, चंदौली, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर
और वाराणसी में फैल गया. इसके अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर लोग सड़कों
पर उतर गए.
था कि, हाथरस का मामला केवल मनीषा के परिवार का ही मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह समाज का मामला हो गया
है. भाजपा सरकार ने परिवार पर दबाव डालकर उनकी आवाज को दबाने कि कोशिश की है. लेकिन वे हमारी आवाज को
नहीं दबा सकते हैं. न्याय के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हाथरस के मामले को अपने हाथों में लेते हुए वामन मेश्राम
साहब ने इस पर तुरंत चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा कर दी. हालांकि, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में विशाल धरना प्रदर्शन का
ऐलान उन्होंने पहले ही कर दी थी. वहीं बाद में इस आंदोलन देशव्यापी आंदोलन बनाने के लिए 8 अक्टूबर को देशभर में
धरना प्रदर्शन, 15 अक्टूबर को देशभर में रैली प्रदर्शन, 22 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश बंद और 30 अक्टूबर को जेलभरो आंदोलन
War for justice, protest in 75 districts
of Uttar Pradesh
Huge movement of Bahujan Kranti Morcha
for justice to the daughters of Hathras, Balrampur, Bulandshahar and Bhadohi
A battle has to be fought for justice,
an organization is needed to win the battle for justice. The larger the
organization, the greater the power is created and the society has to be
awakened to build the organization power. Today, no organization other than
BAMCEF is visible across the country. BAMCEF is the only organization that is
giving tact to the RSS and is fighting the war with governments. For the last
40 years, BAMCEF has continuously awakened SC, ST, OBC and minorities and built
a huge power. Today, that power is being used to bring justice to the
indigenous Bahujan society.
The Bahujan Kranti Morcha has started a
massive phased movement for justice to the daughters of Hathras, Balrampur,
Bulandshahr and Bhadohi. This huge movement has spread not only in Uttar
Pradesh, but across the country. A big view of this was seen in 75 districts of
Uttar Pradesh on October 3, 2020, when the call of the National Convenor of
Bahujan Kranti Morcha, Waman Meshram Saheb, Rashtriya Mahila Nivasi Sangh,
Bharat Mukti Morcha, Bharatiya Vidyarthi, Youth, Unemployed Front, National
Thousands of organizations, including Muslim Front, National Backward Class
Front, Rashtriya Moolnivasi Scheduled Caste Jagriti Morcha, Bahujan Mukti
Party, staged a massive dharna.
According to information received from
different local sources of Uttar Pradesh, the impact of this huge picket
demonstration was Agra, Firozabad, Mainpuri, Mathura, Aligarh, Etah, Hathras,
Kasganj, Prayagraj, Fatehpur, Kaushambi, Pratapgarh, Azamgarh, Ballia, Mau,
Bareilly, Badaun, Bareilly, Pilibhit, Shahjahanpur, Basti, Sant Kabir Nagar,
Siddharthnagar, Banda, Chitrakoot, Hamirpur, Mahoba, Bahraich, Balrampur,
Gonda, Shravasti, Ambedkar Nagar, Amethi, Barabanki, Ayodhya, Sultanpur, Deoria
Nagar, Kushia , Maharajganj, Jalaun, Jhansi, Lalitpur, Auraiya, Etawah,
Farrukhabad, Kannauj, Kanpur Dehat, Kanpur Nagar, Hardoi, Lakhimpur Kheri,
Lucknow, Rae Bareli, Sitapur, Unnao, Baghpat, Bulandshahar, Gautam Buddha
Nagar, Ghaziabad, Meerut, Hapur Spread across Mirzapur, Sant Ravidas Nagar,
Sonbhadra, Amroha, Bijnor, Moradabad, Rampur, Sambhal, Saharanpur,
Muzaffarnagar, Shamli, Saharanpur, Chandauli, Ghazipur, Jaunpur and Varanasi.
Apart from this, in many other states including Delhi, Madhya Pradesh, a large
number of people took to the streets.
Let me tell you that the National Convenor of Bahujan Kranti Morcha Waman Meshram Saheb, taking the case of Hathras in his hands, said that the case of Hathras is not just a matter of Manisha's family, but it has become a matter of society. The BJP government has tried to suppress his voice by putting pressure on the family. But they cannot suppress our voice. Our movement for justice will continue. Taking the matter of Hathras in his hands, Vaman Meshram Sahab immediately announced a phased movement on it. However, he had already announced a massive sit-in demonstration in 75 districts of Uttar Pradesh. At the same time, to make this movement a nationwide movement, on 8 October announced a dharna demonstration across the country, a rally demonstration across the country on 15 October, Uttar Pradesh bandh on 22 October and Jail Bhabaro movement on 30 October.
@
Nayak1
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