भारत को सबसे कमज़ोर लोगों की सुरक्षा
और स्वास्थ्य पर प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए : आईएमएफ
गूगल से ली गई छायाचित्र
‘‘लोगों को
बचाने और उनकी सेहत पर ध्यान देने की प्राथमिकता होनी चाहिए. भारत ने अपनी क्षमता
के अनुरूप उपाय किए हैं, दो प्रतिशत राजकोषीय उपाय और गारंटी के रूप में चार प्रतिशत राहत, लेकिन प्रत्यक्ष राजकोषीय उपाय नहीं
किए गए : क्रिस्टिलीना जॉर्जीवा’’
अंतरराष्ट्रीय
मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंधन निदेशक क्रिस्टिलीना जॉर्जीवा ने कहा है कि भारत
की प्राथमिकता सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा करने, अच्छी तरह से सहायता देने और छोटे तथा
मझोले उद्योगों की रक्षा करने की होनी चाहिए, ताकि एक देश के रूप में उनकी कोरोना
वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में हार न हो. जॉर्जीवा ने आईएमएफ और विश्व बैंक की
वार्षिक आम बैठक के दौरान बुधवार को वॉशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि
लोगों को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, क्या करने
की आवश्यकता है? स्पष्ट है, सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा, अच्छी तरह से सहायता, छोटे और मझोले उद्योगों की रक्षा, ताकि उनकी हार न हो. उन्होंने आगे कहा
कि जब तक हमारे पास स्वास्थ्य संकट से निपटने का एक टिकाऊ रास्ता नहीं है, हमें कठिनाइयों, अनिश्चितता और असमान सुधार का सामना
करना पड़ेगा.
कोविड-19 को एक मानवीय संकट बताते हुए उन्होंने
कहा कि खासतौर से जिन देशों में मौत अधिक हुई हैं, वहां ये संकट अधिक गहरा है. उन्होंने
आगे कहा कि इस महामारी से भारत में एक लाख लोगों से अधिक की मौत हुई है. बता दें
कि अब तक भारत में कोरोना संक्रमण से 111,266 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के
मामलों की संख्या 73 लाख के
पार पहुंच गई है. जॉर्जीवा ने कहा, इसलिए लोगों को बचाने और उनकी सेहत पर
ध्यान देने की प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा, भारत ने अपनी क्षमता के अनुरूप उपाय
किए हैं, दो
प्रतिशत राजकोषीय उपाय और गारंटी के रूप में चार प्रतिशत राहत, लेकिन प्रत्यक्ष राजकोषीय उपाय नहीं
किए गए.
जॉर्जीवा ने आगे कहा कि इससे मदद मिलती
है, लेकिन जब
आप विकसित अर्थव्यवस्थाओं की क्षमताओं को देखते हैं या कुछ अन्य उभरते बाजारों के
उपायों को देखते हैं, तो यह कुछ
हद तक कम है. हम इस साल भारत में बेहद आश्चर्यजनक रूप से जीडीपी में 10 प्रतिशत का संकुचन देख रहे हैं.
जॉर्जीवा ने कहा कि भारत की एक जीवंत अर्थव्यवस्था थी. उन्होंने कहा कि अच्छे वक्त
में देश अपनी बुनियाद को मजबूत करके बुरे वक्त का मुकाबला अधिक मजबूती से कर सकते
हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट का सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि अच्छे समय में
मजबूत बुनियाद तैयार करनी है. ऐसे में जब बुरा वक्त आता है तो अधिक लचीलापन दिखाया
जा सकता है.
बता दें कि अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष
(आईएमएफ) ने मंगलवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपनी नई रिपोर्ट जारी की है.
जिसमें कहा गया है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2020 में गहरी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर
रहा है. हालांकि रिपोर्ट में ये भी आशंका जताई गई है कि आने वाले दिनों में यह
मंदी पहले की अपेक्षा थोड़ा कम गंभीर होने की संभावना है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में शोध
निदेशक गीता गोपीनाथ ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा है कि ठोस, त्वरित और अभूतपूर्व वित्तीय, मौद्रिक और नियामक जवाबी कार्रवाइयों
के अभाव में हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते थे, लेकिन घरों की गुजर-बसर के लिए आय का
इंतजाम करना, उद्यमों
में वित्तीय लेन-देन को बनाए रखना और क़र्ज़ का प्रावधान सुनिश्चित करने जैसे उपायों
से इसको कम करना संभव हुआ है. रिपोर्ट में साल 2020 में वैश्विक आर्थिक विकास दर 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो आईएमएफ द्वारा जून में जारी आकलन
जितनी गंभीर नहीं है. वहीं, साल 2021 में वैश्विक वृद्धि दर के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो जून 2020 में जारी अनुमान से थोड़ा कम है. @ Nayak 1
India should focus on safety and health of the weakest people: IMF
Photograph taken from Google
"Saving people and focusing on their health should be the priority.
India has taken measures to the best of its ability, two percent fiscal
measures and four percent relief as guarantees, but no direct fiscal measures
have been taken: Kristilina Georgieva "
Managing Director of the International Monetary Fund (IMF) Christilina
Georgieva has stated that India's priority should be to protect the most
vulnerable people, to support them well, and to protect small and medium scale
industries, so that their corona as a country Do not give up in the fight
against the virus epidemic. Georgieva told a press conference in Washington on
Wednesday during the annual general meeting of the IMF and the World Bank that
India's safety and care of people should be India's priority. He said, what
needs to be done? Clearly, the security of the most vulnerable, well-being,
protection of small and medium industries, so that they are not defeated. He
further said that unless we have a sustainable way of dealing with the health
crisis, we will have to face difficulties, uncertainty and uneven improvement.
Describing Kovid-19 as a humanitarian crisis, he said that especially in
countries where there have been more deaths, this crisis is more profound. He
further said that more than one lakh people have died in India due to this
epidemic. Let us know that so far 111,266 people have died due to corona
infection in India and the number of cases of infection has crossed 73 lakh.
Therefore, to save people and focus on their health should be the priority,
Georgiva said. He said, India has taken measures to the best of its ability,
two percent fiscal measures and four percent relief as a guarantee, but no
direct fiscal measures have been taken.
Georgiwa further said that it helps, but when you look at the
capabilities of developed economies or some other emerging market measures, it
is somewhat less. We are witnessing a surprising 10 per cent contraction in GDP
this year in India. Georgiva said that India had a vibrant economy. He said
that in good times the country can strengthen its foundation and combat the bad
times more strongly. He said that the most important lesson of this crisis is
that a good foundation has to be prepared in good time. In such a situation,
when flexibility comes, more flexibility can be shown.
Explain that the International Monetary Fund (IMF) has released its new
report on the global economy on Tuesday. In which it is said that due to the
worldwide epidemic Kovid-19, the global economy is going through a deep
economic recession in the year 2020. However, it has also been feared in the
report that in the coming days this recession is likely to be slightly less
severe than before.
Geeta Gopinath, director of research at the International Monetary Fund,
said in the preamble of the report that the situation could have worsened
further in the absence of sound, quick and unprecedented financial, monetary
and regulatory responses, but the income of the households to survive It has
been possible to reduce this by taking measures such as making arrangements,
maintaining financial transactions in enterprises and ensuring provision of
loan. The report estimates global economic growth to be 4.4 percent in the year
2020, which is not as severe as the IMF estimates released in June. At the same
time, the global growth rate in 2021 is estimated to be 5.2 percent, which is
slightly less than the estimate released in June 2020. @ Nayak 1
Thank you Google