भारत में एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग करना भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करना है.

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भारत में एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग करना भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करना है.

                                                गूगल से ली गई छायाचित्र  


                                                        गूगल से ली गई छायाचित्र  


भारत में एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग करना भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करना है, क्योंकि इससे सत्ता का केंद्रीकरण होगा। जब सत्ता का केंद्रीकरण होगा तो लोकशाही की जगह तानाशाही इस देश में निर्माण होगी और लोकतंत्र की जड़ें हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

जब देश में सत्ता का केंद्रीकरण होगा तो देश के नागरिकों की संप्रभुता हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी क्योंकि देश में देश के नागरिकों की एकता एवं अखंडता एवं उनकी संप्रभुता को बनाए रखने के लिए शासन सत्ता के साथ साथ शक्ति की इकाइयों का विकेंद्रीकरण होना बेहद जरूरी होता है, अगर शक्तियों का केंद्रीयकरण होगा तो भारत में ही नहीं दुनिया में जहां लोकतंत्र स्थापित है वहां लोकतंत्र की जगह राजतंत्र की व्यवस्था स्थापित हो जाएगी और केंद्रीयकरण शक्ति का प्रयोग करने वाले शासक जातियों के अंदर तानाशाही फासीवाद और नाजीवादनाजीवाद की प्रवृत्तियां निर्माण होगी।
इसलिए इस देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को जिंदा रखने के लिए सत्ता और शक्ति का विकेंद्रीकरण होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि अगर केंद्रीकरण शक्तियां इस देश में और दुनिया में लोगों को न्याय देने में सक्षम होती है तो देश और दुनिया में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए लोग प्रयत्न नहीं करते।
इसलिए देश में एक राष्ट्र एक चुनाव की पद्धति प्रयोग करने से देश में स्थापित व्यवस्था अर्थात लोकतंत्र की व्यवस्था को एक विचारधारा या एक वर्ग विशेष के लोगों के द्वारा चुनाव के दौरान विभिन्न अनैतिक साधनों का प्रयोग करके सत्ता पर काबिज होने का एक आसान रास्ता बन जाएगा।
क्योंकि आज लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने के लिए इस देश में मुक्त निष्पक्ष पारदर्शी अर्थात फ्री फेयर एंड ट्रांसफर इन तरीके से चुनाव नहीं हो रहा है।
इसका एक औपचारिक उदाहरण अभी 2019 को हुए लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ईवीएम मशीनों की हेरा फेरी पूरे देश में देखी गई जैसे ईवीएम मशीन मिठाई का डिब्बा बन गई हो। कोई बोलेरो में लिए जा रहा है, तो कोई ट्रक में, तो कोई माल वाहन गाड़ी में, तो कहीं होटल में बहुतायत ईवीएम मशीनें पकड़ी गई।
अर्थात जिस स्थान पर EVM होनी चाहिए, जिस स्थान पर देखी जानी चाहिए थी उस स्थान पर भी ईवीएम मशीनें नहीं थी बल्कि होटलों और गाड़ियों में चुनाव के बीतने के बाद और चुनाव के दौरान टहल रही थी!
जिससे यह बात खुलकर स्पष्ट होती है किक लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करने के लिए आज जिन साधनों के माध्यम से चुनाव देश में कराया जा रहा है उससे इस देश में फ्री फेयर एंड ट्रांसपेरेंट अर्थात (मुक्त निष्पक्ष पारदर्शी ) तरीके से चुनाव नहीं हो रहा है।
अगर हम चाहते हैं कि इस देश में लोकतंत्र के मूल्यों को जिंदा रखना है तो इस देश में मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कैसे संभव इन परिस्थितियों को निश्चित करना होगा। इस देश के चुनाव प्रणाली में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाले साधन और संसाधनों का प्रयोग करना ही होगा। @Nayak 1
Jay mulnivasi 
Thank you Google

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