पद्मावती_नहीं_बल्कि_बोधिसत्व_की_मूर्ति_हैं

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#जो_अपने_इतिहास_से_सबक_नहीं_सीखता_इतिहास_उसे_सबक_सिखाता_है! #जागो_और_जगाओ 
*पद्मावती_नहीं_बल्कि_बोधिसत्व_की_मूर्ति_हैं..!

“चक्रवर्ती सम्राट अशोक के कालखंड में जो नगर कलिंग नाम से प्रसिद्ध था , आज वर्तमान में वह उड़ीसा नाम से जाना जाता हैं| उड़िसा यह प्राचीन बौद्ध नगर था| चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जीत यहां पर हुई थीं| इसलिए उड़िसा का इतिहास सम्राट अशोक से जुड़ा हैं| 

उड़िसा में कई सारे प्राचीन बौद्ध शिल्प हैं| उड़ीसा में तथागत बुद्ध और चक्रवर्ती सम्राट अशोक से जुड़े ऐतिहासिक अवशेष मौजूद हैं| कई सारे बौद्ध विहार एवं बौद्ध मठ मौजूद हैं| किन्तु ब्राह्मण लोगों ने उन बौद्ध अवशेष एवं प्रतीकों का ब्राह्मणीकरण किया हैं| 

भारत के किसी भी मूर्तियों की वास्तविकता सामने लानी हैं ? तों सबसे पहले मूर्तियों के शृंगार को हटा दिजिए| सच्चाई सामने आएगी| चित्र में जो मूर्ति दिख रहीं हैं| वह उड़िसा के एक प्राचीन मन्दिर की हैं| जिसे पद्मावती के नाम से जाना जाता हैं| अब आप ही बताएं ? यह मूर्ति काल्पनिक देवी-देवताओं की हैं ? या बोधिसत्व की हैं”? 
—जय मूलनिवासी 
नमो बुद्धाय_

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