औरत

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*औरत*
जब कोई औरत बच्चे को जन्म देते वक्त दर्द से चीख रही होती है, उसी वक्त उसके पति को लाकर एक तरफ खडा कर दिया जाये, 
ताकि उसे पता चले की उसकी पत्नी उसके वंश को आगे बढ़ाने की खातिर कैसे तड़प रही है, दर्द को झेल रही है...
ताकि उसे बाद मे ये ना कह सके कि "तुमने क्या किया है मेरे लिए"..?? 
ताकि बात-बात पर उसका अपमान न करे उसे घर से निकाल देने और तलाक़ की धमकी ना दे, एक पल मे ना कह दे उसके माँ बाप को कि ले जाओ अपनी बेटी को तुम्हारी बेटी हमारे घर के लायक नहीं...
*औरत*
हर औरत को हवस की नजरों से देखने वालों, कब समझोगे की तुम भी एक औरत के ही संघर्ष का नतीजा हो जो अपने पैरों पर खड़े हो...
औरत अपनी कोख से जनती है, बड़े बड़े महापुरुष वैज्ञानिक, पीर पैगम्बर फिर भी पाप का द्वार कहलाती है...
चुप रहना ही स्वीकार्य है, बस बोले तो मार दी जाती है।
प्रेम और विश्वास है गुण उसका उनसे ही ठग ली जाती है।
जिस को पाला निज वत्सल से जिस छाती से जीवन सींचा,
उस छाती के कारण ही वो मर्दों की नजरों में आती है।
मेरा तन मेरा है, कह दे तो मर्यादा का उल्लंघन है।
और ये औरत ही विवाह समय बस दान में दे दी जाती है।
साहस भी है, अहसास भी है प्रकृति की रचना खास भी है,
अपमानित होकर क्यों फिर वो गाली में उतारी जाती है।
वह औरत है सब सह जाती है वह सब सह जाती है 
औरत उपहास की नहीं सम्मान की हकदार है... महिलाओं के सम्मान में समर्पित 🙏🏻🙏🏻
        *✍️ Jay mulnivasi 

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