बिना आरक्षण के “ ब्राह्मणो का कहर “

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बिना आरक्षण के 
              “ ब्राह्मणो  का  कहर “
   No.1-   *राष्ट्रपति    
  सचिवालय*---  कुल पद  49' है  जिसमे 'ब्राह्मण : 45
       SC'ST-   4"   
        OBC-  00 " 

      No.2-   *उप राष्ट्रपति सचिवालय*  कुल पद 7' 
जिसमे 7  के 7 पदों पर ब्राह्मण  हैं 
"SC/St :  00'' 
   OBC-   00 "

No.3-   *मंत्रियो के कैबिनेट सचिव* ----- कुल पद 20 ' जिसमे 19 ब्राह्मण "SC'ST-1 "OBC-00 " 

No.4-   *प्रधानमंत्री कार्यालय*---कुल पद 35 जिसमे  33 ब्राह्मण "SC'ST-2   OBC-00 " 

No.5-   *कृषि  एवं सिचंन विभाग*-----कुल पद  274  जिसमे 259 ब्राह्मण "SC'ST-15" OBC-00"

No.6-   *रक्षा मंत्रालय*---- कुल पद है  1379 जिसमे 1331 ब्राह्मण  SC'ST-48 " OBC-00 है "

No.7-   *समाज कल्याण  एवं हैल्थ मंत्रालय* ------ कुल पद 209 जिनमे  192 ब्राह्मण "SC'ST-17  OBC-00 है 

No.8-   *वित्त मंत्रालय*---- कुल पद है  1008  जिसमे 942  ब्राह्मण "SC'ST- 66 " OBC- 00 है 

No.9-   *गृह मंत्रालय*----  कुल पद है  409  जिसमें  377  ब्राह्मण " SC'ST-19" OBC-13 है 

No.10-   *श्रम मंत्रालय*---- कुल पद है  74  जिसमे 70 ब्राह्मण  "SC'ST-4"  OBC-00 है  

No.11-   *रसायन  एवं पेट्रोलियम मंत्रालय*-----  कुल पद है  121 जिसमे 112 ब्राह्मण " SC'ST-9" OBC-00 है  

No.12-   *राज्यपाल  एवं उपराज्यपाल* -------- कुल पद है  27 जिसमे  25 ब्राह्मण  SC'ST-00" OBC-2 

No.13-   *विदेश मे  राजदूत*---- 140 जिसमे 140 ही ब्राह्मण है "SC'ST-00 " OBC-00 है 

No.14-   *विश्वविद्यालय के कुलपति* ------- कुल पद  108  जिसमे  108 ही ब्राह्मण है " SC'ST-00"  OBC-00 है  

No.15-   *प्रधान सचिव* ---- पद है  26   जिसमे  26 ही ब्राह्मण है  " SC'ST-00" OBC-00 है  

No.16-   *हाइकोर्ट के न्यायाधीश* --- कुल पद  330 जिसमे  326-ब्राह्मण " SC'ST-4" OBC-00 है  

No.17-   *सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश* -------  कुल पद  23  जिसमे  23 ही ब्राह्मण " SC'ST-00"  OBC-00 है  

No.18-   *IAS  अधिकारी*---- 3600 जिसमे  2950 ब्राह्मण " SC'ST-600 " OBC-50 है 

No.19-   *PTI* -------  कुल पद  2700   जिसमे  2700 ब्राह्मण " SC'ST-00" OBC-00 है "

No.20-   *शंकराचार्य* ----- कुल  05  जिसमे  05  ही ब्राह्मण  है" SC'ST-00  OBC-00 है ।

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        आरक्षण का स्वरूप

आरक्षण में आपको चावल, गेहूँ, नमक मिल गया और चपरासी, मास्टर, पटवारी आदि में नौकरी लग जाये तो इसे आरक्षण न समझें ...!

आरक्षण किसे कहते हैं ?
इसे कुछ उदाहरणों से समझने का प्रयास करें  :-

1. जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित न होने वाले जय साह को सीधे BCCI के सचिव बनाते हैं, -इसे कहते हैं आरक्षण।

2. जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिस्तेदारी के कारण जज नियुक्त होते हैं,  उसे कहते हैं आरक्षण।

3. जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिस्तेदारों, बहू-बेटों को, बिना किसी योग्यता और पात्रता के  आधार पर और सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो इसे कहते हैं आरक्षण।

4. जब तमाम अकेडमिक परिक्षाएं पास करने तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी सिर्फ जाति के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है अर्थात "नाट फाउंड सूटेबल"( कोई पद के योग्य नहीं मिला)। ताकि आगे उन पदों पर अपने वर्ग के हितों के अनरूप नियुक्ति की जा सके  तो उसे कहते हैं आरक्षण।

5. जब केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के राज्य सरकार बड़े पद पर नियुक्त कर देती है   तो इसे कहते हैं आरक्षण।

6.  जब पहली बार सांसद अथवा विधायक बनने पर कैबिनेट मंत्रालय में अहम मंत्रालय सौंपा जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

7. जब बिना IAS की परीक्षा पास किए किसी वर्ग-विशेष के  लोगों को सीधे  संयुक्त-सचिव बना दिया जाता है  तो इसे कहते हैं आरक्षण।

8. जब लोकडाउन में भी मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी अटैंड करते हैं जबकि दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है  तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं आरक्षण।

9. आज तक तीर-कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली कम्पनी को सीधे राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया जाता है  तो  उसे कहते हैं आरक्षण।

10. *जब एक ही तरह् के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल (रिहाई) मिल जाती है  तो यहाँ दिखाई देता है वर्ग और जाति विशेष का आरक्षण*

11. जब हजारों-करोड़ों रूपयों का  कर्जा माफ और दस-बीस हज़ार रूपये के लिये कुर्की की जाती है  तो उसे कहते हैं आरक्षण।

12. प्राईमरी स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावज़ूद " कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी" को 10,000 करोड़ रूपये मिलते हैं वो भी "सेंटर आफ एक्सीलेंस" बनाने के लिये  तो इसे कहते हैं आरक्षण

13. जब राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चुनिन्दा जातियों से की जाती है  तो उसे कहते हैं आरक्षण।

14. सारे मंदिर के पुजारी एक वर्ग विशेष को बनाया जाता है तो उसे कहते है आरक्षण

15. जब सेनाध्यक्षों की पूरी टोली एक वर्ग से आती है इसे कहते है आरक्षण

16. जब राम मंदिर ट्रस्ट में वर्ग विशेष को ही ट्रस्टी बनाया जाय तो उसे कहते है आरक्षण

17. जब पिछड़े वर्ग के बदमाशों को अपराधी और सवर्ण वर्ग के बदमाशों को बाहुबली कहा जाय तो उसे कहते है आरक्षण !

जिसको भारत में आरक्षण नजर आता है, वो सिर्फ प्रतिनिधित्व है। जो सभी यूरोपीय, अमेरिकी, अफ्रीकी और जापान आदि देशों में भी अपनाया गया है।

    " संख्या के अनुपात मे प्रतिनिधित्व " लोकतंत्र का प्राण होता है, जिसे "भारतीय संविधान " ने अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया है ...!
               ! जय भारत !
           !! जय संविधान !!
        आरक्षण बचाओ

भारत में ब्राह्मण की 
   जनसंख्या :  3% प्रतिशत 
लोकसभा में ब्राह्मण : 80%
राज्यसभा में ब्राह्मण : 96 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 50 %
कैबिनेट सचिव : 33 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 70%
यूनिवर्सिटीमें ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 91%
सुप्रीम कोर्टमें ब्राह्मण जज: 96%
हाई कोर्टमें ब्राह्मण जज : 80 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 81%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 87%
राज्य : 82 %
बैंक में ब्राह्मण : 57 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
IAS ब्राह्मण : 72%
IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI, CEx & Customs ब्राह्मण 72%
मंदिरों में ब्राह्मण- 100%
मिडिया में ब्राह्मण- 90%
ये देखो ब्राह्मणों का आरक्षण!!!
इसका विरोध आज तक किसीने क्यू नही
किया???
SC व ST को 22.5% आरक्षण नौकरी और
राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं।
अब हम देखते हैं कि देश में आरक्षण और जनसंख्या
का अनुपात क्या है?
जनसंख्या आरक्षण 100% में
एस सी 15% आरक्षण15%
एस टी 7.5% आरक्षण 7.5%
ओबीसी 52% आरक्षण 27 %
अल्पसंख्यांक 10.5% आरक्षण 0%
कुल्ल संख्या 85 % आरक्षण 49.5 %
अर्थात, SC, ST, OBC और MINORITY's की
जनसंख्या 85% है और उन्हें आरक्षण है सिर्फ 49.5%.
जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या है 15%
और उन्हें आरक्षण है 50.5%.
अब इन आंकडों को देख कर बताइए की वास्तव में
तथाकथित आरक्षण (ओपन के नाम पर) कोन ले
रहा है ?.....अर्थात, ब्राह्मण !!!
देश में ओपन या जनरल कैटिगरी की लोकसंख्या है
सिर्फ 15% और उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है
50%.
उन 15% में विदेशी ब्राह्मण है सिर्फ 3.5% और
यही अल्पसंख्यांक ब्राह्मण लोग वास्तव में 80 से
90% आरक्षण खाये जा रहे हैं। मतलब, ब्राह्मण
ओपन के नाम पर बनिया और राजपूतों का ही
आरक्षण तो खा ही रहा है, साथ ही साथ वह
SC/ST/OBC का भी आरक्षण भी खा रहा है।
यही कारण है कि, SC/ ST/ OBC का कोटा
पिछले 65 सालों से आज तक भरा हुआ नहीं है।
OBC की स्थिति अत्यंत दयनीय है। उनकी
लोगो की जनसंख्या देश में  52% हैं और उनको आरक्षण का प्रावधान है
सिर्फ 27.5% !! उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक
आधार लगाकर ब्राह्मणों ने OBC के आरक्षण को
Zero बना दिया है। इसलिए, OBC का कोटा
सिर्फ 4.1% ही भरा हुआ है और उनका बचा हुआ
आरक्षण ब्राह्मणों ने हडप लिया है : 
  
इसलिए लोकसंख्या के अनुसार सभी जातियों को
आरक्षण मिलना चाहिए...। 
    
ब्राह्मण अगर 3.5% है,
तो उन्हें सिर्फ 3.5% ही आरक्षण मिलना चाहिए और 3.5% से ज़्यादा जगहों पर से ब्राम्हणों को हटाकर उन जगहों पर SC/ ST/ OBC की भर्ती करनी चाहिए।
अगर ऐसा हुआ तो मराठा, जाट, अहिर,लिंगायत, रेड्डी, पटेल ऐसे सभी जाति समुदायों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण मिलेगा ...!
 
ये जानकारी हमारे दूसरे भाइयो तक पहुँचाओ जागो OBC,SC, ST,NT, अल्प-संख्यक भाइयों जागो 
    ज़रा सोचो ...!

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