तो आप एक औरत को बिल्कुल वहां ढूंढ रहे हैं जहां वह नहीं है !
एक औरत अपने दिमाग में औरत है वहां आप उसे नहीं हरा सकते!
आप सोचते हैं कि आप उसके शरीर के इन अंगों पर हमला करके छूकर घायल करके दबाकर औरत को अपमानित कर सकते हैं या झुका सकते हैं तो आप गलतफहमी में है!
औरत दरअसल शरीर के पार है!
आप शरीर में ही अटक जाते हैं इसलिए हमेशा से पुरुष औरत के सामने हारता आया है!
और उसकी इस हार से खीज पैदा हुई है और उस खीज से परेशान होकर पुरुष बार-बार औरत के शरीर पर हमला करता है!
वह सोचता है कि शरीर के साथ बलात्कार करके उसने औरत को हरा दिया !
लेकिन वह कभी नहीं हारती क्योंकि वह शरीर में है ही नहीं !
वह अपने दिमाग से औरत है!