आज भी महिलाओं पर अत्याचार जारी है डायन, वैस्या के नाम पर हत्या,बलात्कार,जाति के नाम पर शोषण !

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सारी कायनात का जन्म यहीं से हुआ है !
यही सच्चाई है।हमेशा रहेगी।बुद्ध ,ईसा मसीह,मोहम्मद,रविदास कबीर अम्बेडकर और सारे महापुरषों,आप हम सभी इंसानो का जन्म यही से हुआ है !कुछ लोगो ने चार वर्ण बनाकर इंसानो को पैदा किया केले से मटकी से मैल से मछली से न जाने कहा कहा से जो झूठ है,पूरी दुनिया को जन्म पवित्र महिलाएं अपनी तन योनी से देती हैं,लेकिन हम महिलाओं को पूजने के बजाय हम जिस पत्थर मिट्टी चुने से बचे मुर्ती जिसका कोई अस्तित्व नही है हम पुजते है श्रेय देते हैं क्यों!प्रसाव पीड़ा में जिंदागी,मौत के बीच जंग लड़कर माँ अपने कोख से मनुष्य को जन्म देती है !
महिलाओं को हम ग़ुलाम बनाकर बज़ारों बेचते थे, देवदासी बनाकर धर्म स्थल में बलात्कार होता,सती प्रथा के नाम पर लाखों महिलाओं को जलाया गया !आज भी महिलाओं पर अत्याचार जारी है डायन वैस्या के नाम पर हत्या,बलात्कार,जाति के नाम पर शोषण !बंद करो झुठे अंध बिस्वास को पूजना !माँ से बड़ा माँ से प्रिय कोई इस धरती पर पैदा नही हुआ,आदर सम्मान हमे अपनी माँ बहन और एक दूसरे की माँ बहनों को देना सीखना होगा।

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