ये पत्थरों पर घी और दूध की नदियाँ बहा सकते हैं लेकिन भूखे नंगे इंसानों को दुत्कार कर भगा देते हैं ।

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यही विडम्बना है 

अटल जी को जलाया तो सारे चेनल वालों ने दिखाया ।
संविधान को जलाया तो किसी भी चेनल वालों ने नहीं दिखाया ।
ये सोच क्या दरसाती है ।..

 केरल में गाय कटती थी इसलिए बाढ आई : अंधभक्त

तो क्या केदारनाथ में पंडित सुअर  खाते थे इसलिए वहा महाप्रलय आया क्या? : 😄
धर्म के ठेकेदारों का दोहरा चरित्र देखिये 

1. कुत्ता आता है इनके भगवान पर मूत कर चला जाता है । ये कुत्ते की पूँछ
भी नहीं उखाड़ पाते और बचाव में कहते हैं - क्या संतान अपने पिता के ऊपर मूत्र त्याग नहीं करती है । अगर एक इंसान इनके भगवान के पास से भी गुजर जाये तो वो भगवान अपवित्र हो जाता है । ये उसके ऊपर लाठी डंडे लेकर चढ़ जाते हैं ।

2. एक चूहा अथवा बंदर आता है इनके भगवान के भोग अर्थात भोजन को खाकर
झूठा करके चले जाते हैं । ये उनका एक बाल तक भी नहीं उखाड़ पाते और कहते हैं कि ये तो भगवान का रूप हैं । अगर एक आदमी इसी काम को करता है तो ये उसको काटने को दौड़ पड़ते हैं और उसको नीच, दुष्ट, अधम और ना जाने
कैसी कैसी उपाधियों से नवाज डालते हैं ।

3. ये धर्म के ठेकेदार एक इंसान के पैर स्पर्श करने के लिए अपना धन और समय दोनों गंवाते हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं
जबकि एक इंसान के देखने छूने मात्र से ही इनका अमंगल हो जाता है । ये नर्क के भागी हो जाते हैं ।

4. ये धर्म के ठेकेदार पशुओं के साथ बिस्तर साझा करते हैं लेकिन इंसानों के साथ बैठना भी साझा नहीं कर सकते ।

5. ये जानवरों को माँ बाप कह सकते हैं लेकिन इंसान को इंसान नहीं कह सकते।

6. ये पत्थरों पर घी और दूध की नदियाँ बहा सकते हैं लेकिन भूखे नंगे इंसानों को दुत्कार कर भगा देते हैं ।

7. ये दूसरों से कहते हैं क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है । क्रोध मत करो लेकिन ये खुद क्रोध की जिन्दी तस्वीर होते हैं । क्रोध तो इनकी नाक पर रखा होता है । किसी ने कुछ विपरीत विचार रखे नहीं कि साँप की तरह जीभ लपलपाने लगते हैं ।

8. ये दूसरो को उपदेश देते हैं मोह माया का त्याग करो लेकिन खुद इस चक्कर
में लगे रहते हैं किस तरह से मूर्ख बनाकर बेवकूफों से धन ऐंठा जाये ।

9. ये कहते हैं सादा जीवन उच्च विचार लेकिन खुद आलिशान आश्रमों और बंगलो में रहते हैं, वातानुकूलित गाडियों में चलते हैं । अब आप सोचो इनसे बड़ा धूर्त और पाखंडी कोई और हो ही नहीं सकता।

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