शेर अली खान अफरीदी का नाम सुना है। शेर अली अंडमान की जेल में काला पानी की सजा काट रहे थे। वो काला पानी की सजा के दौरान सोचा करते थे की भारत की आज़ादी के लिए क्या किया जाय। उन्होंने मॉन ही मन एक प्लान बनाया।
प्लान के तहत उन्होंने अंग्रेज़ो के प्रति उग्रता छोड़ दी जेल के अँगरेज़ अफसरों का दिल जीता। उनके बदले व्यवहार के चलते अफसरों ने उन्हें नाई का काम दिया। वो सबके बल काटते और भारतीय कैदियों से कहते की वो एक बड़ा कारनामा करने वाले हैं।
आखिर 8 फ़रवरी 1872 में भारत के गवर्नर जनरल लोडेड मेयो अंडमान जेल में तशरीफ़ लाये। सुरक्षा के कड़े योगदान थे। शेर अली भी अंग्रेज़ो के साथ उनकी खातिर में जुटे थे। जेल के सुरक्षा कर्मियों को शेर अली से कोई खतरा नहीं दिखता था ।
आखिर शाम हुई। थोड़ा अँधेरा हुआ।शेर अली ने कपड़ों में छुपा कर बाल काटने वाला छुरा(उस्तरा) निकाला। सुरक्षा में लगे सैनिक जब तक कुछ समझ पाते, शेर अली लार्ड मेयो का क़त्ल कर चुके थे। उन्हें 27 फ़रवरी को सजाए मौत दी गयी ।
हम सभी देश प्रेमी ऐसे वीर शहीद को सलाम करते हैं.
@Nayak1
जय मूलनिवासी