जब कोई युवक वधूमूल्य चुकाने में असमर्थ होता है तो यह समझौते के अनुसार ससुर के यहाँ घर जमाई बनने को राजी होता है उस युवक का विवाह कर दिया जाता है। युवक 5 वर्ष तक या जैसा समझाता हो ससुर के घर घर जमाई बनकर खेती बाड़ी कर मजदूरी करता है घर जमाई की ससुर के किसी निर्णय में सलाह नहीं ली जाती है और न ही उसे पैतृक सम्पत्ति में किसी प्रकार का कोई तक होता है। यमपि समाज में घर जमाई की कोई प्रतिष्ठा नहीं होती। समाज इसे हीनभाव से देखता है।
जय जोहार
जय मूलनिवासी
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