एक कदम अंधेरे पर उजाले का

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एक कदम अंधेरे पर उजाले का

घुप्प 'अंधेरे की छाती पर उजाले के कदम। चंद्रमा के अगम्य छोर दक्षिणी ध्रुव पर भारत के चंद्रयान-3 ने ऐतिहासिक कामयाबी की चांदनी में लहराया भारत का विश्वविजयी तिरंगा। इसलिए कि चंद्रमा के इस बीहड़ इलाके में अंधकार का स्थायी साम्राज्य कायम है। उनका भेदन करने में दुनिया के वे देश-अमेरिका-रूस और चीन-भी कांप कर पीछे हट गए थे जबकि अंतरिक्ष के रहस्यभेदन के इतिहास में इनका नाम दर्ज है। लेकिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के इस स्याह पक्ष को अपनी सतत लगन एवं दूरदर्शी वैज्ञानिकता से रोशन करने का संकल्प किया। इसमें हासिल उनकी परिकल्पित सफलता ने दक्षिणी ध्रुव पर भारत के चरण को अमर-अमिट कर दिया। इस कीर्तिमानी उपलब्धि की तुलना चांद की सतह पर पड़े अमेरिकी अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रांग के पहले पद-चिह्न से की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोहान्सबर्ग से इसरो के इस अवदान को सही ही धरा के संकल्प को चंद्रमा पर साकार होना बताया है। चंद्रयान-3 महाअभियान की महनीय सफलता के साथ भारत अंतरिक्ष क्लब का चौथा सदस्य देश हो गया है। पर इसमें कोई संदेह नहीं कि दुर्लभ किस्म की ऐसी उपलब्धि को देखते हुए इस गणना का क्रम बदल जाए और वह अनामिका-भारत-से शुरू हो। दरअसल, वैश्विक समय-सारिणी में यह समय 140 करोड़ की आबादी वाले भारत के पुनर्जागरण का काल है। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय मामले हों, खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता हो, दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, या असाध्य वैज्ञानिक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में परचम फहराने का जज्बा हो-भारत की गरिमामय उपस्थिति हर तरफ दिखती है। चंद्रयान-3 ने साबित किया है कि भारत की गति को किसी भी आसमानी दीवार से नहीं रोकी जा सकती। यह भी कि महज 600 करोड़ रुपये की लागत और सीमित संसाधन के बलबूते भी महान लक्ष्य हासिल किया जा सकता है और उसे विश्व के साथ साझा किया जा सकता है। इस अर्थ में, प्रधानमंत्री मोदी का अभूतपूर्व विजय से गर्वित इस अवसर को भी विश्व कल्याण के नाम करना भी सराहनीय है। चंद्रयान-3 इसलिए वहां है ताकि वहां के खनिज और पानी की खोज कर सके। मानव- सभ्यता में इससे अनगिनत अवसर खुलेंगे। अंधेरे में 'भा' अर्थात प्रकाश में रत होने की यह यात्रा उसके भारत नाम को सार्थक करेगी। इसके आगे पूरा सौरमंडल उसका पड़ाव बनेगा, जिसका अगला चरण सूरज होगा।

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