अंधन को आंख देत वाली आरती हमारे लोगों के हाथों में थमा दिया है.जब इतना ही इनके वैदिक धर्म में ब्राम्हणी धर्म में शक्ति है तो ऐ अभी तक अंधा क्यों है ?और इतनी सारी बीमारियों से ग्रसित क्यों है?

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ऐ जो ब्राह्मण है दोनों आंखों से जन्म जात अंधा है. मतलब अपनी मां की पेट से ही अंधा पैदा हुआ पर जाति का ब्राह्मण है इसलिए ऐ अपने आप को क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र से श्रेष्ठ मानता और बाकी लोगों को नीच कहता है.और ऐ भी जानकारी मिली है कि इसे शुगर, बी पी,और बाबासीर भकन्दर जैसी बीमारियां भी है ऐ वैदिक धर्म के आधार पर सारे कर्म काण्ड करता है लेकिन फिर भी इसे सांइस से बनी दवाईयों की जरूरत है इन लोगों ने अंधन को आंख देत वाली आरती हमारे लोगों के हाथों में थमा दिया है जब इतना ही इनके वैदिक धर्म में ब्राम्हणी धर्म में शक्ति है तो ऐ अभी तक अंधा क्यों है ?और इतनी सारी बीमारियों से ग्रसित क्यों है?
  इसलिए पाखंडियों के चक्कर में नहीं आओ तर्कशील बनो अपने महापुरुषों को मानों उनका इतिहास पढ़ो और सही आजादी की लड़ाई में वामन मेश्राम साहब के साथ जुड़ जाओ.
जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान जय प्रकृति जय जोहार।

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